चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर एयरफोर्स की निगरानी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने के लिए भारतीय वायु सेना ने अहम कदम उठाया है. वायु सेना ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर विमानों पर आधारित 6 नए 'मेड इन इंडिया' नेत्र-I निगरानी विमान खरीदने जा रही है.
पहले से इस्तेमाल कर रही है वायुसेना
सरकारी अधिकारियों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया, 'योजना के अनुसार छह नए विमान डीआरडीओ द्वारा भारत में बनाए जाएंगे और 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के तहत बनने वाले ये निगरानी विमान वायु सेना को उपलब्ध कराए जाएंगे." नेत्र-I पहले से ही वायु सेना में उड़ान भर रहा है और भारतीय वायु सेना द्वारा इसे फिर से रिवाइव्ड कर रही है. एम्ब्रेयर विमान का उपयोग अब इस परियोजना के लिए किया जा सकता है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने पहले एयरबस 330 विमान पर छह एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) बनाने की योजना बनाई थी, जिसके लिए बेंगलुरु में एक सुविधा केंद्र बनाने की योजना बनाई गई थी. डीआरडीओ निगरानी विमानों के लिए नेत्र-2 परियोजना के ए-321 विमान में बदलाव करने पर भी काम कर रहा है. इन विमानों को 'आई इन द स्काई' के नाम से भी जाना जाता है.
इन खूबियों से है लैस
इसकी खूबियों की बात करें तो यह विमान आसमान में मौजूद विमानों तथा अन्य उड़ान भरने वाली वस्तुओं का पता लगा लेता है और पता चलते ही यह संभावित किसी भी खतरे से बचने के लिए सारी जानकारी अपने साथ उड़ रहे विमान को देता है.
दूसरे शब्दों में कहें तो नेत्र-1 हवा में उड़ता हुआ एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है. यह सैकड़ों किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को ट्रैक कर लेता है. यानि अगर कोई दुश्मन हिमाकत करने की कोशिश करता है और सीमा की तरफ बढ़ने की कोशिश करता है तो उसका पता यह पहले ही लगा लेता है जिससे वायुसेना को काफी मदद मिलती है. अतीत में इससे वायुसेना को काफी फायदा मिला है.