दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 सम्मेलन के चलते भारतीय वायु सेना के उच्च गति प्रशिक्षण अभ्यास त्रिशूल ने ट्रेनिंग रोक दी है. हालांकि इस दौरान वायु सेना के विमान किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रहेंगे. दरअसल, त्रिशूल का संचालन चीन और पाकिस्तान की सीमाओं के पास उत्तरी क्षेत्र में किया जा रहा था. राफेल, मिराज 2000 और Su-30MKI सहित लड़ाकू विमानों के सभी प्रमुख बेड़े चिनूक और अपाचे सहित हेवीलिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकॉप्टरों के साथ अभ्यास किया जा रहा था. गरुड़ विशेष बल भी उस अभ्यास का हिस्सा थे.
IAF अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्र में अभ्यास कार्यक्रम 4 से 14 सितंबर तक था. सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सक्रिय कर दिया गया है और शिखर सम्मेलन के सुरक्षित आयोजन के लिए सभी स्टेशन हाई अलर्ट पर रहेंगे. भारतीय सेना ने राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वाड के साथ अपने बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया है.
विदेशी आगंतुकों को ड्रोन से सुरक्षा प्रदान करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा डीआरडीओ के काउंटर ड्रोन सिस्टम को राजनयिक एन्क्लेव में तैनात किया गया है. रक्षा सूत्रों का कहना है कि ये सिस्टम लंबी दूरी से ड्रोन खतरों का सामना कर सकते हैं.