राजधानी दिल्ली से जुड़ा एक मामला पिछले साल काफी चर्चा में रहा था. इसमें सामने आया था कि कैसे एक IAS दंपति ने अपने कुत्ते को घुमाने के लिए एथलीटों के स्टेडियम को खाली करवा लिया था. अब उनमें से एक IAS पर गाज गिरी है.
अरुणाचल प्रदेश सरकार में सेवा दे रही एक आईएएस (IAS) अफसर को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (जबरन रिटायरमेंट) दे दी है. इस IAS अफसर का नाम रिंकू दुग्गा है. जो कि AGMUT (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) काडर की 1994 बैच की अफसर हैं. वह फिलहाल अरुणाल प्रदेश में स्वदेशी मामले की प्रमुख सचिव के पद पर तैनात थीं.
उनके पति संजीव खिरवार भी 1994 बैच के IAS अफसर हैं. वह फिलहाल लद्दाख में पोस्टिड हैं. दोनों पर आरोप था कि उन्होंने अपने पालतू कुत्ते को घुमाने के लिए दिल्ली का त्यागराज स्टेडियम को खाली करवाया था. इसी पर विवाद के बाद संजीव खिरवार का लद्दाख और पत्नी का अरुणाचल प्रदेश तबादला किया गया था. बता दें कि दिल्ली सरकार के नियंत्रण वाला त्यागराज स्टेडियम 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार हुआ था.
जानकारी के मुताबिक, दुग्गा को मौलिक नियम (एफआर) 56(जे), केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) पेंशन नियमों का नियम 48, 1972 के तहत जबरन रिटायर किया गया है. कहा गया है कि ये फैसला उनके सर्विस रिकॉर्ड को देखकर किया गया.
यह भी बताया गया है कि सरकार को ये अधिकार है कि वह अपने किसी भी कर्मचारी को रिटायर कर सकती है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि अगर सरकार की राय में ऐसा करना सार्वजनिक हित में है तो कर्मचारी को जबरन रिटायर किया जा सकता है.
एक झटके में पति-पत्नी हो गए थे 3500 KM दूर!
मार्च 2022 की बात है. दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में ट्रेनिंग कराने वाले एक कोच ने दावा किया था कि पहले वे रात 8 या 8.30 बजे तक ट्रेनिंग करते थे. लेकिन अब उनको 7 बजे ग्राउंड खाली करने को कह दिया जाता है, ताकि IAS अफसर संजीव और उनकी पत्नी वहां अपने कुत्ते संग टहल सकें. कोच ने कहा कि इससे उनकी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस रूटीन में दिक्कत पैदा हो रही है.
बाद में इसकी एक तस्वीर भी सामने आई थी, जिसके बाद विवाद तेज हो गया. फिर IAS अफसर संजीव की सफाई आई और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था. उन्होंने ये तो कबूला था कि वह कभी-कभी कुत्ते को वहां टहलाने लेकर जाते हैं, लेकिन इस बात से इनकार किया था कि इससे एथलीट्स की प्रैक्टिस में रुकावट आती है.
मामला सामने के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई थी. सरकार ने IAS अधिकारी संजीव का ट्रांसफर लद्दाख और उनकी पत्नी का ट्रांसफर अरुणाचल प्रदेश कर दिया था. तब बताया गया था कि इस मामले पर मुख्य सचिव ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है. इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई होनी थी.