
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एनसीपी और उसके पार्टी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधा है. उन्होंने नागालैंड के एनसीपी विधायकों द्वारा राज्य के नए सीएम नेफ्यू रियो को समर्थन देने की घोषणा को लेकर पवार की आलोचना की है. बता दें कि हाल ही में हुए नगालैंड विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने 60 में से 37 सीटें हासिल करने के बाद नागालैंड में सर्वदलीय सरकार बनाई है.
ओवैसी ने भाजपा के साथ गठबंधन का समर्थन करने पर एनसीपी की आलोचना करते हुए कहा, "अगर 'शरद' , 'शादाब' होते तो उन्हें बी टीम कह दिया जाता और 'धर्मनिरपेक्षों' के लिए अछूत कहा जाता. मैंने कभी भी भाजपा सरकार का समर्थन नहीं किया है और न कभी करूंगा लेकिन यह दूसरी बार है जब एनसीपी ने भाजपा का समर्थन किया है और यह आखिरी बार नहीं हो सकता है."
ओवैसी ने शरद पवार पर भी कटाक्ष किया और कहा, "साहिब उनके मंत्री नवाब मलिक को जेल में डालने वालों का समर्थन कर रहे हैं." असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी राकांपा के पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार ने "नागालैंड राज्य के व्यापक हित में" मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व को स्वीकार करने का फैसला किया है. नागालैंड एनसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि शरद पवार ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिन्होंने सीएम नेफ्यू रियो का समर्थन किया था.
एनसीपी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और उसकी स्थानीय इकाई की राय है कि पार्टी को राज्य के व्यापक हित में सरकार का हिस्सा होना चाहिए. हालांकि, बयान में भाजपा का कोई जिक्र नहीं किया गया. बता दें कि नेफ्यू रियो की कैबिनेट में बीजेपी के पांच मंत्री भी हैं. उन्होंने 7 मार्च को एनडीपीपी के सात मंत्रियों और भाजपा के पांच मंत्रियों के मंत्रिमंडल के साथ पांचवें कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
नगालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार
नगालैंड में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन को जीत मिली है. रियो ने 2018 चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. पिछले चुनाव में गठबंधन ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार गठबंधन ने 37 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी इस चुनाव में 20 सीटों पर, जबकि एनडीपीपी 40 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. बीजेपी ने 12, जबकि एनडीपीपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है.