आईआईटी खड़गपुर में सुसाइड करने वाले स्टूडेंट फैजान अहमद की मां ने दुख जताते हुए कहा कि मैंने ही उसको आईआईटी का सपना दिखाया था. दिसंबर 2021 में 22 साल का फैजान आईआईटी खड़गपुर के लिए रवाना हुआ था. उसके बाद 14 अक्टूबर, 2022 को फैजान की मां रेहाना के पास फोन आया कि उनके बेटे की मौत हो गई है. तबसे वो लगातार अपने बेटे की मौत की वजह ढूंढ़ रही हैं.
फैजान की आईआईटी में मौत पर कई सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर चल रही पुलिस जांच पर कलकत्ता हाई कोर्ट में एक मामला चल रहा है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र फैजान का शव छात्रों को 14 अक्टूबर को एक छात्रावास के कमरे में मिला था, लेकिन उसे किसी को दिया नहीं गया था.
आठ महीने पहले, फैजान ने अपने हॉस्टल के वार्डन को शिकायत करते हुए लिखा था कि सीनियर छात्रों ने उसके साथ रैगिंग की थी. उसने कहा था कि मेरी सुरक्षा और गरिमा बनी रहे, इसलिए इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया जाना चाहिए. फैजान की मां रेहाना ने बताया कि उसने आखिरी बार फैजान से 11 अक्टूबर को बात की थी.
रेहाना ने तिनसुकिया में इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया, “वह लंच के दौरान लगभग हर दिन मुझसे बात करता था. उस दिन वह सामान्य से कुछ ज्यादा खुश लग रहा था. उसने मुझे बताया कि उसने अभी-अभी मेस में खाया है- जीरा आलू और दाल. हमने तब तक बात की जब तक उसने अपना दोपहर का भोजन खत्म नहीं किया, लाइब्रेरी पहुंचने के बाद उसने फोन रखा. फैजान भी हर शाम अपनी मौसी (रेहाना की बहन) से बात करता था. उस दिन उसने उसे दो बार फोन किया क्योंकि उसके चचेरे भाई की शादी हो रही थी."
मौत कैसे हुई, अबतक पुष्टि नहीं
शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया कि फैजान की मौत आत्महत्या से हुई है. संस्थान ने अबतक नहीं बताया कि उसकी मौत कैसे हुई और न ही घटनाओं के बारे में जानकारी शेयर की है. हालांकि फैजान के परिवार ने यह कहते हुए हत्या का आरोप लगाया है कि फैजान की कैंपस में रैगिंग की गई थी. परिजनों ने पुलिस और आईआईटी के अधिकारियों को मामले को संभालने पर असंतोष जाहिर किया.
SIT जांच के लिए कोर्ट पहुंचा परिवार
इस मामले की जांज SIT से कराने के लिए 31 अक्टूबर को परिवार ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया. फैजान की पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर को मामले को संभालने और विशेष रूप से रैगिंग से संबंधित मामलों को लेकर उसकी कड़ी आलोचना की.
अदालत ने लगाई फटकार
अदालत ने 20 जनवरी को IIT खड़गपुर के निदेशक वी के तिवारी से पूछा: “क्या आपके खुद के बच्चे हैं? आप उनके बारे में सोचेंगे, तब आपको दर्द का पता चलेगा… ” संस्थान की ओर से पेश अधिवक्ता आर एन मजूमदार ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख 13 फरवरी है. हमने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक उपायों के रूप में उठाए गए कदमों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है. हम और कुछ नहीं कह सकते.
रेहाना बोलीं- मैंने ही दिखाया था आईआईटी का सपना
फैजान की मां और उसके पिता सलीम कोलकाता में अपने वकीलों के माध्यम से मामले पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. रेहाना ने बताया कि जब फैजान 12 साल का था तो वह गणित विषय में अच्छा था. रेहाना ने उस समय कॉलेज में एक कैंटीन चलाई थी, यहीं पर उन्होंने पहली बार IIT के बारे में सुना था. फैजान की मां ने बताया कि कॉलेज में एक प्रोफेसर थे जिन्होंने मुझे IIT के बारे में बताया था और मैं घर वापस जाकर फैजान को इसके बारे में बताती थी. इसने उसके मन में एक सपना जग गया. मैं ही थी जिसने उसे आईआईटी का सपना दिया और उसने निश्चित रूप से आगे बढ़कर इसे हासिल किया. रेहाना ने बताया कि जब फैजान वहां पहुंच गया तो उसने बताया, 'मां, आप जानते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी पढ़ाई की है उसी कॉलेज में? क्या आप जानते हैं सुंदर पिचाई कौन हैं? उसने वहीं पढ़ाई भी की.'
3 साल की कोचिंग के बाद क्रैक किया था JEE
रेहाना के मुताबिक, वो और उनके पति सलीम कभी भी कॉलेज नहीं गए थे. कोटा के एक कोचिंग सेंटर में तीन साल के बाद फैजान ने जेईई क्रैक किया और 2020 में आईआईटी खड़गपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोग्राम में दाखिला लिया. हालांकि, तब तक महामारी फैल चुकी थी और फ़ैजान ऑनलाइन क्लासेस लेता था.