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जंगलों में अवैध रूप से पेड़ काटने पर खत्म हो सकती है जेल की सजा, ये है पर्यावरण मंत्रालय का प्रस्ताव

जंगलों में अवैध रूप से पेड काटने पर जेल की सजा खत्म करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया है. इसके तहत पेड़ काटने पर 6 महीने की जेल की सजा नहीं, बल्कि 500 रुपये जुर्माना लगेगा. मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर 31 जुलाई तक जनता से टिप्पणी और सुझाव मांगे हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पेड़ काटने पर 500 रुपये जुर्माना लगेगा
  • पर्यावरण मंत्रालय ने दिया प्रस्ताव

जंगलों में अवैध अतिक्रमण और पेड़ काटने पर जेल की सजा खत्म हो सकती है. इसके लिए कवायद की जा रही है. दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने भारतीय वन अधिनियम 1927 में संशोधन का प्रस्ताव किया है, ताकि जंगलों में अवैध अतिक्रमण और पेड़ काटने के मामले में 6 महीने की जेल की सजा को 500 रुपये से बदला जा सके. 

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एजेंसी के मुताबिक 9 जुलाई को जारी एक नोटिस में मंत्रालय ने कहा कि यह कवायद कानून के मामूली उल्लंघन, छोटे अपराधों के कंपाउंडिंग के माध्यम से शीघ्र समाधान, नागरिकों पर अनुपालन बोझ को कम करने, दंड के युक्तिकरण और नागरिकों के उत्पीड़न को रोकने के लिए है.

मंत्रालय ने नोटिस में कहा है कि यह आदतन अपराधियों को अधिक अपराध करने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि सजा का स्तर उन दोनों किस्म अपराधियों के लिए एक समान है, जो भले ही पहली बार अपराध कर रहे हों या बार-बार इस तरह का अपराध कर रहे हैं. इसलिए अधिनियम में संशोधन करके अलग-अलग दंड प्रावधानों को शामिल करना जरूरी है.

मंत्रालय ने कहा कि कई बार बड़े और छोटे अपराध में फर्क करने में दिक्कत होती है और इस वजह से सजा अक्सर अलग नहीं हो पाती. मंत्रालय ने आम जनता से 31 जुलाई तक प्रस्ताव पर टिप्पणी और सुझाव भेजने का अनुरोध किया है.

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मंत्रालय की ओर से हाल ही में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया गया था. इसमें कहा गया था कि साधारण उल्लंघनों के लिए कारावास के भय को दूर करने के लिए इसके मौजूदा प्रावधानों को अपराध से मुक्त किया जाना चाहिए. वहीं  वायु अधिनियम 1981 और जल अधिनियम 1974 को भी अपराध से मुक्त करने के लिए संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं.

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