योग गुरु स्वामी रामदेव ने आजतक को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि आईएमए के खिलाफ दिए गए बयान को मैं वापस लेता हूं. मैं उन डॉक्टरों को प्राणम करता हूं जिन्होंने कोरोना संकट में अपने प्राण त्याग कर दूसरों की जिंदगी को बचाया है.स्वामी रामदेव ने कहा कि आईएम के भद्द रवैये के चलते बात उभरकर सामने आई. जब वो आयुर्वेद को स्यूडो-साईंस कहते हैं. एलोपैथी में बहुत से ऐसे डॉक्टर हैं जो कहते हैं कि 90 प्रतिशत रोगी घरपर रहकर ही, अपने खान पान को ठीक करके ठीक हो सकते हैं.
रामदेव ने आगे कहा कि जब मैंने यह कह दिया कि 10 प्रतिशत रोगी ही एलोपैथ से ठीक हुए तो घरों पर रहकर 90 प्रतिशत लोगों ने खुद को ठीक किया है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का और योग का अनादर हुआ है. आईएमए बार-बार बल्ब को पेंट को और साबुन को बार-बार प्रमाणित करने का काम कर रहा है. जबकि कोरोनिल को अप्रमाणिक कहकर आयुर्वेद का मजाक उड़ाता है. विवाद इस बात से है मैंने यह कहा है.
रामदेव ने आगे कहा कि मैंने कहा है कि शल्य चिकित्सा के आविष्कारक महर्षि सुश्रुत थे फिर भी मैं कहता हूं कि सर्जरी में और लाइफ सेविंग ड्रग्स में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है. यह प्रशंसनीय है और मैं इसकी प्रशंसाा करता हूं. लेकिन एक दूसरे के प्रति जो असमानता और पक्षपात का रवैया है. कुछ डॉक्टरों को छोड़ दें तो बाकी डॉक्टर आयुर्वेद को हेय दृष्टि से देखते हैं. ये उचित नहीं है.
रामदेव ने कहा कि यह एलोपैथी बनाम आयुर्वेद नहीं है, ना ही ये आयुर्वेद बनाम आईएमए ही है. मैंने ड्रग माफिया के खिलाफ कुछ बातें जरूर बोली हैं. रामदेव ने अभिनेता अक्षय कुमार के वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा है कि हमारा आयुर्वेद और योग काफी तार्किक है. रामदेव ने कहा कि पांच लाख से लेकर पचास लाख तक के बिल बनते हैं क्या इसका खर्चा उठाया जा सकता है?
बता दें कि बाबा रामदेव के बयान के बाद से मामला तूल पकड़ता जा रहा है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने 1 जून को देश भर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है. कोरोना के वैक्सीनेशन और एलोपैथी को लेकर दिए गए बाबा रामदेव के बयान से नाराज संगठन ने उनके खिलाफ कारवाई न होने की दशा में विरोध तेज करने का ऐलान किया है.