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IMA की PM मोदी को चिट्ठी- वैक्सीन पर भ्रम फैला रहे हैं बाबा रामदेव, देशद्रोह का केस लगे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से मांग की गई है कि बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए. आरोप लगाए गए हैं कि रामदेव की तरफ से कोरोना टीका को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए गए हैं.

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बाबा रामदेव पर देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग ( फोटो पीटीआई)
बाबा रामदेव पर देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग ( फोटो पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह केस की मांग
  • IMA ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी
  • बाबा पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से मांग की गई है कि योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए. आरोप लगाए गए हैं कि रामदेव की तरफ से कोरोना टीका को लेकर भ्रामक और गलत बयान दिए गए हैं. उन्होंने ऐलोपैथी और डॉक्टरों को लेकर भी विवादित बयान दिए हैं. ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. अपनी इन्हीं मांगो लेकर IMA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है.

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बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हो: IMA

IMA और बाबा रामदेव के बीच ये तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. जो विवाद एक वाट्स ऐप मैसेज के पढ़ने से शुरू हुआ था, वो अब देशद्रोह तक आ पहुंचा जा है. तमाम डॉक्टर इस समय बाबा रामदेव से ना सिर्फ नाराज हैं, बल्कि उनके बयान को मनोलब गिराने वाला बता रहे हैं. कुछ दिन पहले तक ऐलोपैथी का मजाक बनाने वाले योग गुरू रामदेव की तरफ से अभ्यास सत्र के दौरान कोरोना वैक्सीन को लेकर भी विवादित बयान दे दिया गया. वायरल वीडियो में उनकी तरफ से कहा गया था- तीसरा बोला मुझे डॉक्टर बनना है...टर...टर...टर...टर...टर...टर बनना है. डॉक्टर...एक हजार डॉक्टर तो अभी कोरोना की डबल वैक्सीन लगाने के बाद मर गए...कितने ...एक हजार डॉक्टर...कल का समाचार है...अपने आप को नहीं बचा पाए वो कैसी डॉक्टरी.

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क्लिक करें- डॉ. हर्षवर्धन के खत के बाद योगगुरु रामदेव ने अपना बयान लिया वापस 

बाबा रामदेव के विवादित बयान

इससे पहले बाबा रामदेव ने व्हाट्सएप पर एक मैसेज को सुनाते हुए एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस बताया था. उन्होंने बाद में अपने उस बयान को वापस जरूर लिया, लेकिन विवाद खड़ा हो चुका था. उनके बयान पर IMA ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई थी और देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की तरफ से भी रामदेव से उनका बयान वापस लेने की मांग हुई थी. अब बयान तो वापस हुआ लेकिन बाबा रामदेव का विवादों में फंसे रहने का सिलसिला जारी रहा. किसी वीडियो में बाबा को कोरोना वैक्सीन का मजाक बनाते हुए देखा गया तो किसी वीडियो में उनकी तरफ से कोरोना मरीजों को लेकर भी टिप्पणी की गई. एक वायरल वीडियो में वे कहते सुनाई दिए कि मरीजों को नहीं पता है कि सांस कैसे लेते हैं, इसी वजह से वो ऑक्सीजन की कमी की शिकायत करते हैं, नकारात्मकता फैलाते हैं. उनके उस बयान पर भी बवाल काटा गया है और सरकार से कड़े एक्शन की अपील रही है.

अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप

इससे पहले आईएमए उत्तराखंड की तरफ से भी बाबा रामदेव के खिलाफ तल्ख अंदाज दिखाया गया था. बयान में कहा गया था कि अपनी दवा बेचने के लिए रामदेव टीवी में टीकाकरण से साइड इफेक्ट होने के विज्ञापन भी जारी कर रहे हैं, वे पैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. अब इसी कड़ी में उनके खिलाफ देशद्रोह का केस करने की भी मांग हो गई है, ऐसे में बाबा रामदेव की मुसीबत अभी बढ़ने जा रही है.

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(रिपोर्ट-स्नेहा)

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