देश के कुछ हिस्सों में हीटवेव का असर देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग की मानें तो मध्य भारत के कुछ राज्य हीटवेव से जूझ रहे हैं. मौसम विभाग की मानें तो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और रायलसीमा के कुछ इलाके में हीटवेव की स्थिति बनी हुई है. 28 मार्च को ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम विभाग की मानें तो आनेवाले दिनों में तापमान में और बढ़त देखने को मिल सकती है.
मध्य प्रदेश के गुना शहर में 28 मार्च को अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं, सागर शहर में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री दर्ज किया गया. इन दोनों ही शहरों में तापमान सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया. वहीं, महाराष्ट्र क विदर्भ इलाके के अकोला की बात करें तो अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री दर्ज किया गया. रायलसीमा क्षेत्र में भी गर्मी का कहर जारी है, कुरनूल और नांदयाल जैसे शहरों में तापमान क्रमशः 41.9 डिग्री सेल्सियस और 42.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
भारतीय मौसम विभाग ने इन इलाकों के निवासियों को चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें दिन के समय पड़ने वाली भीषण गर्मी के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है. साथ ही हीटस्ट्रोक और गर्मी से जुड़ी अन्य बीमारियों से बचने के लिए दिशा-निर्देश भी साझा किए गए हैं.
क्या है हीटवेव?
हीटवेव वो समय अवधि है जब गर्मी के सीजन में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है. आमतौर पर मार्च से जून के बीच हीटवेव की स्थिति बनती है. बहुत कम होता है जब जुलाई तक हीटवेव की स्थिति बनी रहे. आईएमडी के मुताबिक, मैदानी इलाकों में किसी भी स्टेशन पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे ज्यादा होता है तब हीटवेव की स्थिति बनती है. वहीं, पहाड़ी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 30 डिग्री हो जाए तब हीटवेव की स्थिति बनती है. तटीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान कम से कम 37 डिग्री हो जाए तब हीटवेव की स्थिति बनती है. बता दें, किसी भी इलाके में जब तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री ज्यादा होता है तो हीटवेव घोषित की जाती है.