इन दिनों पूरे देश में मौसम का अजीब अंदाज देखने को मिल रहा है. उत्तर-पश्चिमी भारत में जहां बर्फबारी से लेकर बारिश तक हो रही है वहीं, पश्चिमी भारत में तापमान 40 डिग्री से भी ऊपर पहुंच गया है. मार्च के पहले 15 दिनों में मौसम का ये मिजाज चौंकाने वाला है कि आखिरकार ऐसा उल्टा-पुल्टा मौसम क्यों हो रहा है. गुजरात के कई इलाकों में जिनमें सौराष्ट्र और कच्छ महत्वपूर्ण हैं, वहां तापमान 40 डिग्री से भी अधिक चला गया. कुछ ऐसा ही हाल मुंबई समेत महाराष्ट्र और कोंकण-गोवा इलाके का भी है. दूसरी तरफ 10 मार्च से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल-प्रदेश के कई इलाकों में बर्फबारी चल रही है, जो उत्तर-पश्चिम से लेकर उत्तर-पूर्व भारत में होली के दौरान और उसके बाद भी जारी रह सकती है.
क्या है दो अलग-अलग मौसमी सिस्टम की वजह?
दरअसल इस समय एक साथ पूरे देश में अलग-अलग सिस्टम एक्टिव है. जहां हिमालय और उसके सटे इलाकों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ लगातार असर दिखा रहा है. वहीं गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों के कई हिस्सों में शुष्क यानी ड्राई मौसम ने गर्मी की समय से पहले ही एंट्री करवा दी है. जहां एक तरफ हिमालय के पहाड़ी इलाकों और आस-पास के मैदानी इलाकों में बर्फबारी और बारिश एक के बाद एक आ रही है, वहीं एक गर्म हवा से बना हुआ सिस्टम गुजरात और महाराष्ट्र में तापमान को सामान्य से 5-8 डिग्री तक ऊपर ले जा रहा है.
भुज में 42 डिग्री, अहमदाबाद में भी 40 डिग्री के ऊपर तापमान तो मुंबई में भी पारा 40 डिग्री छूने को बेकरार
पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी भारत में बारिश बिलकुल भी नहीं हुई है. आर्द्रता की कमी से सूरज की किरणें सीधे ज़मीन को गर्म कर रही हैं क्योंकि आसमान बिलकुल साफ है. इसके साथ ही गर्म हवाओं ने इस घाव पर नमक लगाने का काम किया है. इसी वज़ह से कच्छ, सौराष्ट्र, कोंकण के तटीय इलाकों में तापमान 40 डिग्री से कहीं ऊपर पहुंच गया है. कोंकण के तटीय इलाकों में तो समुद्र की वज़ह से ह्यूमिडिटी भी परेशानी बढ़ा रहा है. राजकोट, सूरत और भुज जैसे शहरों में तो अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र में भी कई इलाकों में तापमान 38-40 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया. इन इलाकों में मौसम विभाग ने हीटवेव यानी लू के हालात की घोषणा कर दी है.
तमिलनाडु में चल रही है मॉनसून पूर्व बारिश
सुदूर दक्षिण के इलाकों में बारिश ने लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है. तमिलनाडु और आस-पास के इलाकों में मंगलवार को जबरदस्त बारिश देखने को मिली. नागापट्टनम में तो 9 घंटे में ही 6 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हुई जबकि इसी दौरान कुड्डलोर में साढ़े 4 सेंटीमीटर और चेन्नई में 2 सेंटीमीटर बरसात हुई. 24 घंटे में तो कुछ इलाकों में 10 सेंटीमीटर से ज़्यादा बारिश देखने को मिली है. इस बारिश की वज़ह एक चक्रवातीय सिस्टम है, जो बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता लेकर आ रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि हल्की बारिश 16 मार्च तक जारी रह सकती है.
कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी तो मैदानी इलाकों में बारिश
एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ की वज़ह से पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है. फरवरी के आखिरी दिनों और मार्च के शुरुआत में एक बड़ा पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी भारत में आया जिसकी वज़ह से जबरदस्त बर्फबारी देखने को मिली. एक मध्यम स्तर का वेस्टर्न डिस्टरबेंस 10 मार्च से सक्रिय चल रहा है जो कि 14 मार्च तक पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी करवाएगा वहीं यहां से सटे मैदानी इलाकों यानी पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी बारिश देखने को मिल सकती है.