IMD Weather Latest Update: फरवरी महीने कि शुरुआत के बाद से ही दिल्ली एनसीआर के साथ पूरे उत्तर भारत के मौसम में बदलाव हो गया है, जहां एक ओर पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई हैं वहीं मैदानी इलाकों में फरवरी के 4 दिनों में बारिश ने महीने भर का कोटा पूरा कर लिया है. इस बीच 4 दिन कि बारिश के बाद अब दिल्ली एनसीआर का मौसम काफी खुशनुमा हो गया है, बारिश होने से एक ओर जहां मौसम में बदलाव हुआ है, वहीं, यह एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से भी काफी सकारात्मक हो गया है. दरअसल, बारिश होने की वजह से दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई खराब से मॉडरेट की श्रेणी में आ गया है.
जनवरी में इसलिए नहीं बदला मौसम
दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोग लंबे समय से धूप का इंतजार कर रहे थे. जनवरी में कंपकंपाती सर्दी से लोगों का जीना बेहाल हो गया था. जहां एक ओर मैदानी इलाकों में लोग ठंड से परेशान थे. वहीं, पहाड़ों पर सर्दी का सितम तो जारी था लेकिन बर्फबारी नहीं हो रही थी. पहाड़ों पर लोग बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे और मौसम बदलने का इंतजार कर रहे थे. मौसम विभाग का कहना था एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस जनवरी में नहीं आया. यही वजह है की मौसम में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला था.
लेकिन फरवरी महीने की शुरुआत ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस के साथ हुई. वह भी एक नहीं बल्कि दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस से फरवरी का स्वागत हुआ. उसके बाद मौसम में बदलाव भी हो गया. मैदानी इलाकों में बारिश के बाद जब धूप खिली तो लोगों ने राहत की सांस ली. इस बीच मौसम विभाग का कहना है कि अब मौसम ऐसा ही बना रहने वाला है क्योंकि ठंड की वापस एंट्री नहीं होगी इसके साथ ही कोहरे की समस्या से जो लोग परेशान थे उससे भी राहत मिलेगी.
पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं
मौसम वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया की अब दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोग राहत भरी सांस ले सकते हैं क्योंकि अब सर्दी की एंट्री नहीं होने वाली है. गुजरते दिनों के साथ अधिकतम और न्यूनतम तापमान बढ़ेगा. हालांकि अभी पहाड़ों पर बर्फबारी होने की वजह से अगले दो दिनों तक मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं चलती रहेंगी इसके बाद यह भी रुक जाएंगी.
पहाड़ों पर बर्फबारी का सिलसिला भी अभी जारी रहेगा लेकिन इस बीच राहत भरी खबर यह है कि दिल्ली एनसीआर में अब और बारिश नहीं होने वाली है. मौसम विभाग की मानें तो बारिश की वजह से ही दिल्ली एनसीआर की एयर क्वालिटी इंडेक्स में भी सुधार हुआ है, जो पहले खराब की श्रेणी में था वो अब बेहतर हो गया है. क्योंकि एक्यूआई बारिश, हवा और तापमान पर निर्भर करता है और फिलहाल ये तीनों अच्छी स्तिथि में हैं.