75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं. लाल किले की प्राचीर से 8वीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नया मंत्र दिया. उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में अब 'सबका प्रयास' शब्द भी जोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि इसी संकल्प से हम अपने सारे लक्ष्यों को पूरा करेंगे.
लाल किले की प्राचीर से स्वंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा है. एक समय ऐसा आता है, जब देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है. उन्होंने कहा कि देश खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है. भारत की विकास यात्रा में भी वो समय आ गया है. पीएम ने कहा कि आजादी के 75 साल के अवसर को हमें एक समारोह भर में सीमित नहीं करना है.
उन्होंने आह्वान किया कि हमें नए संकल्पों को आधार बनाना है. चल पड़ना है अगले 25 साल की यात्रा पर जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के सृजन का ये अमृतकाल है. हमारे संकल्पों की सिद्धि आजादी के सौ साल की ओर ले जाएगी. अमृतकाल का लक्ष्य है एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे.
पीएम मोदी ने कहा कि एक ऐसे भारत के निर्माण का लक्ष्य है जहां दुनिया का हर आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर हो. हम किसी से भी कम न हों. यही देशवासियों का संकल्प है लेकिन संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो. उन्होंने कहा कि इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है. ये सपने, ये संकल्प, अपनी सीमाओं के पार सुरक्षित और समृद्ध विश्व के लिए भी प्रभावी योगदान है.
उन्होंने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इतना लंबा इंतजार भी नहीं करना है. अभी से जुड़ जाना है. हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है. यही सही समय है. पीएम ने कहा कि हमारे देश को भी बदलना होगा और हमें एक नागरिक के नाते अपने आपको भी बदलना ही होगा. पीएम ने मंच से सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास का आह्वान किया.