रूस और यूक्रेन में चल रही जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्वाड नेताओं के साथ गुरुवार को वर्चुअल बैठक हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि क्वाड को भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने मूल उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए. उन्होंने मानवीय और आपदा राहत, ऋण स्थिरता, आपूर्ति शृंखला, स्वच्छ ऊर्जा, कनेक्टिविटी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में क्वाड में ठोस और व्यावहारिक रूप से सहयोग करने की बात कही.
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा शामिल हुए. पिछले साल सितंबर यह बैठक हुई थी. अब इस साल पहली बार फिर क्वाड के सभी देश साथ आए.
यूक्रेन के हालातों का भी हुआ जिक्र
बैठक में यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमलों पर भी चर्चा की गई. वहां मानवीय निहितार्थों पर भी चर्चा हुई.इसके व्यापक प्रभावों का आकलन किया. प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की जरूरत पर जोर दिया.
यूक्रेन पर रूसी हमलों पर हुई मुलाकात
क्वाड की बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्वीट किया कि यूक्रेन पर रूस हमलों के संबंध में मैंने अपने साथी क्वाड नेताओं प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान मंत्री किशिदा फुमियो से मुलाकात की. बैठक में मैंने हिंद-प्रशांत सहित दुनिया भर में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की बात कही.
विकसित किया जाएगा एक खास तंत्र
क्वाड नेताओं ने अपने युक्त बयान में कहा कि यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मानवीय संकट पर चर्चा की औरहम एक नई मानवीय सहायता और आपदा राहत तंत्र को खड़ा करने पर सहमत हुए हैं. यह तंत्र क्वाड को हिंद-प्रशांत में भविष्य की मानवीय चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा और संचार के लिए एक चैनल प्रदान करेगा ताकि वे यूक्रेन में संकट का जवाब देते हैं और प्रतिक्रिया करते हैं.
हिंद महासागर क्षेत्र का मुद्दा उठा
नेताओं ने दक्षिण पूर्व एशिया, हिंद महासागर क्षेत्र और प्रशांत द्वीप समूह की स्थिति पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान का पालन करने के महत्व को दोहराया. नेताओं ने संपर्क में रहने और जापान में आगामी नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की.
इसलिए बना क्वाड
क्वाड यानी क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग. यह जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है. मूल तौर पर यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काम कर रहा है, ताकि समुद्री रास्तों से व्यापार आसान हो सके लेकिन अब यह व्यापार के साथ-साथ सैनिक बेस को मजबूती देने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है ताकि शक्ति संतुलन बनाए रखा जा सके.
2017 में हुआ पुनर्गठन
क्वाड की औपचारिक तौर पर स्थापना 2007 में ही हो गई थी, लेकिन अब तक इसने कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं की है. 2017 में इसका पुनर्गठन किया गया, जिसके बाद अब 12 मार्च को इसका पहला शिखर सम्मेलन हुआ है. यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है, जब बीते करीब एक साल से पूर्वी लद्दाख में तनाव के बीच भारत और चीन के रिश्तों में दरार बढ़ी है तो अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी व्यापार, सुरक्षा सहित कई अन्य मसलों को लेकर विगत तीन-चार वर्षों में उसके रिश्ते खट्टे हुए हैं.