देश की सीमा को सुरक्षित (Border Security) करने के लिए अब भारत (India) स्वदेशी एंटी ड्रोन (Anti Drone) तकनीक विकसित कर रहा है. शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस बात की जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर ड्रोन का विषय काफी गंभीर हो चला है. डीआरडीओ (DRDO) स्वदेशी एंटी ड्रोन तकनीक विकसित करने पर काम कर रहा है. रिसर्च और डेवलपमेंट संबंधी प्रोजेक्ट का आवंटन का सरकार की तरफ से कर दिया गया है. अमित शाह ने यह बातें बीएसएफ के एक कार्यक्रम के दौरान कही.
हाल के दिनों में भारतीय सीमा पर पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए ही नहीं बल्कि हथियार और ड्रग्स सप्लाई के लिए भी किया है. यह घटनाएं जम्मू कश्मीर और पंजाब के सीमा क्षेत्रों में देखी गई हैं. हाल ही भारत में एक एयरबेस पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को एयरड्रॉप करने के लिए कम उड़ान वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था. दो कम तीव्रता वाले विस्फोट किए गए; पहला एक मंजिला इमारत की छत को तोड़ दिया जबकि दूसरा खुले क्षेत्र में जमीन पर पड़ा था. इस घटना में एयरफोर्स के दो कर्मियों को मामूली चोटें भी आई थीं.
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गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ड्रोन की रडार को चकमा देने की क्षमता और इसका गलत इस्तेमाल सुरक्षा के लिहाज से चिंता का सबब है. बीते महीनों में जम्मू कश्मीर में कई ड्रोन देखे गए हैं और उन्हें नष्ट भी किया गया है. कुछ अन्य मामलों में भी आतंकी संगठनों द्वारा हथियार और ड्रग्स गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते देखा गया है.