भारत और कनाडा के बीच कम की गई वीजा सेवाओं के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि अगर भारतीय राजनयिकों को वियना कन्वेंशन के अनुसार कनाडा में सुरक्षा दी जाती है, तो वह इसे फिर से शुरू करना चाहेंगे. जयशंकर ने कहा, कुछ हफ्ते पहले भारत ने कनाडा के लिए वीजा जारी करना बंद कर दिया था, क्योंकि हमारे राजनयिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए काम पर जाना अब सुरक्षित नहीं था.
उन्होंने कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वियना कन्वेंशन का सबसे बुनियादी पहलू है. और अभी कनाडा में कई तरीकों से हमारे लोग सुरक्षित नहीं हैं, हमारे राजनयिक सुरक्षित नहीं हैं. जयशंकर ने कहा, मैं चाहूंगा कि वीजा का मुद्दा फिर से शुरू हो. मेरी आशा है कि यह बहुत जल्द होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और कनाडा के रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. कनाडा द्वारा अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाए जाने के कुछ दिन बाद जयशंकर ने कहा, फिलहाल संबंध कठिन दौर से गुजर रहे हैं. लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारी जो समस्याएं हैं, वे कनाडाई राजनीति के एक निश्चित वर्ग और उससे जुड़ी नीतियों के साथ हैं. भारत, वीज़ा और कांसुलर सेवाएं देने के लिए दिल्ली में केवल कनाडाई उच्चायोग को छोड़ रहा है.
सितंबर में भारत ने कनाडा से देश में अपने राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए कहा. तर्क था कि वह देश और ओटावा में समान संख्या में राजनयिक तैनात करना चाहता था. दिल्ली में तैनात कनाडाई राजनयिकों की संख्या ओटावा में भारतीय राजनयिकों की तुलना में बहुत अधिक थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संभावित संबंध होने का दावा करने के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में खटास आ गई. निज्जर की जून में कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी.