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एक वक्त था जब 'सोने की चिड़िया' यानी भारत को पश्चिमी ताकतवर देश उपनिवेशवाद के जरिए लूट रहे थे. पश्चिमी देशों में इसकी एक प्रतिस्पर्धा सी चल रही थी. सभी जानते थे कि भारत में विभिन्न संसाधनों का भंडार है. लेकिन फिर भी भारत को बदनाम करने के लिए सांप-सपेरों वाला देश बताया जाता रहा. ताकि प्रतिस्पर्था और ना बढ़ जाए. लेकिन फिर वक्त के साथ चीजें बदलीं. भारत भी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आगे बढ़ा. देखते ही देखते 75 सालों में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया.
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी शताब्दी में भारत जर्मनी और जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. लेकिन इतनी तरक्की के बावजूद कुछ देश जाने-अनजाने भारत को अब भी वही सांप-सपेरों वाला देश समझने की गलती कर रहे हैं. ऐसा पहले अमेरिका ने किया, फिर चीन ने और ताजा मामला स्पेन का है. अलग-अलग मौकों पर भारत को लेकर कार्टून शेयर किए गए, जिनपर विवाद हुआ.
सबसे पहले बात स्पेन की
ताजा विवाद स्पेन के न्यूजपेपर में छपे कार्टून पर है. La Vanguardia नाम के इस अखबार ने भारत की तरक्की को दिखाने के लिए संपेरे (snake charmer) की तस्वीर लगाई है. इस तस्वीर के जरिए दिखाने की कोशिश हुई है कि जहां एक तरफ दुनियाभर में मंदी जैसे हालात हैं, उस वक्त में भारत आर्थिक विकास कर रहा है. इस चीज को दिखाने के लिए La Vanguardia ने सांप-संपेरे की तस्वीर का इस्तेमाल किया. इसमें सांप को भारत की आर्थिक वृद्धि दर्शाती लाइन की तरह दिखाया गया है. इसी पर विवाद है.
La Vanguardia में यह कार्टून ऐसे वक्त में छपा जब IMF समेत कुछ अन्य एजेंसियों ने आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत के लिए सकारात्मक बातें की हैं. ये सकारात्मक बातें इसलिए बड़ी हैं क्योंकि इस वक्त दुनियाभर में अलग-अलग कारणों से हालात बिगड़े हुए हैं.
स्पेन के अखबार के इस चार्ट पर भारत में कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. बेंगलुरु से बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी भारत को सांप-सपेरों के देश की तरह दिखाना मुर्खता है.
जब अमेरिका के अखबार में छपे कार्टून पर हुआ विवाद
भारत को लेकर पहले भी कुछ कार्टून पर विवाद हुआ है. इसमें अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स (New York Times) में छपा कार्टून भी शामिल है. साल 2014 की बात है. भारत ने मंगल ग्रह (Mars) के ऑर्बिट में मंगलयान को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया था. भारत पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया था. यह पल एतिहासिक था. इस मिशन पर सिर्फ 74 मिलियन डॉलर का खर्च आया था, जो कि सबसे सस्ता इंटरप्लेनेटरी स्पेस मिशन था.
भारत के इस मिशन की चर्चा दुनियाभर में शुरू हो गई. क्योंकि पहले प्रयास में अमेरिका भी ऐसा नहीं कर पाया था. इस बीच न्यू यॉर्क टाइम्स में एक ओपिनियन छपा. India’s Budget Mission to Mars नाम से छपे इस आर्टिकल के कार्टून पर विवाद हो गया, जिसपर बाद में न्यू यॉर्क टाइम्स ने माफी भी मांगी.
इस कार्टून में एक किसान को उसकी गाय के साथ दिखाया गया था. किसान जैसे उस शख्स की कमीज पर 'भारत' लिखा था. यह शख्स एक दरवाजा खटखटाता दिखता है जिसपर लिखा था Elite Space Club मतलब 'उत्कृष्ट लोगों का स्पेस क्लब'. इस क्लब के अंदर कुछ लोग बैठे दिखाई देते हैं जो भारत के मंगल मिशन की खबर ही पढ़ रहे होते हैं.
जब चीन ने G7 का उड़ाया मजाक, भारत की दिखाई आपत्तिजनक छवि
भारत की छवि को धूमिल करने वाला तीसरा कार्टून चीन के अखबार में छपा था. बाद में इसको चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी हवा दी थी. बात पिछले ही साल की है. जब दुनियाभर में चीन से निकला कोरोना कहर मचा रहा था. बावजूद इसके चीन दक्षिण चीन सागर, लद्दाख में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था.
इस बीच जून 2021 में G7 देशों की मीटिंग हुई. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल थे. वहीं इस 47वें शिखर सम्मेलन में भारत, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया था, जो कि अपने आप में बड़ी बात थी. इससे पता चल रहा था कि भारत का दर्जा वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है. इस मीटिंग में कोविड, जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर बात हुई. लेकिन चीन को इससे मिर्ची लग गई.
इस बीच Sina Weibo नाम की वेबसाइट ने एक कार्टून छापा. इसे Bantonglaoatang नाम के आर्टिस्ट ने बनाया था. उसने इसका नाम दिया Last G7 मतलब आखिरी जी7.
कार्टून को प्रचलित धार्मिक चित्र The Last Supper के तर्ज पर बनाया गया था. The Last Supper ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यता है. उस चित्र में जीसस सूली पर चढ़ाये जाने से पहले अपने समर्थकों के साथ टेबल पर बैठकर खाना खाते हैं.
वहीं चीन के आर्टिस्ट ने जो कार्टून बनाया था उसमें 9 देशों को दिखाने की कोशिश हुई थी. इसमें 9 देशों को 9 जानवरों के जरिए दिखाया गया. भारत को इसमें हाथी के रूप में दिखाया गया था. इतना ही नहीं इसमें कई और आपत्तिजनक चीजें थीं. जैसे हाथी के पीछे ऑक्सीजन सिलेंडर रखा था. साथ ही उसे ड्रिप के जरिए गंगाजल और गोमूत्र चढ़ाया जा रहा था. इस कार्टून पर काफी विवाद हुआ. बावजूद इसके बाद में ग्लोबल टाइम्स ने भी इसे छापा था.