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LAC विवाद को जल्द हल करने पर सहमत हुए भारत-चीन, जानिए 12वें दौर की वार्ता के बाद क्या बोले दोनों देश

दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के इलाकों पर सेनाओं के पीछे हटने को लेकर बातचीत की. इन दोनों इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में हैं, जहां से डिस-एंगेजमेंट को लेकर चर्चा हो रही है.

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India-China Standoff
India-China Standoff
स्टोरी हाइलाइट्स
  • LAC विवाद पर भारत-चीन का ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी
  • बाकी बचे मुद्दों को जल्द हल करने पर सहमत
  • 31 जुलाई को हुई थी 12वें दौर की वार्ता

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले साल से जारी सीमा विवाद के बीच हाल ही में भारत-चीन (India-China Standoff) में 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के इलाकों पर सेनाओं के पीछे हटने को लेकर बातचीत की. इन दोनों इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में हैं, जहां से डिस-एंगेजमेंट को लेकर चर्चा हो रही है.

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भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने के बाद दोनों देशों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया है. दोनों देशों ने बाकी बचे मुद्दों को जल्द हल करने पर सहमति जताई है. दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की यह वार्ता तीन महीने के बाद 31 जुलाई को एलएसी के चीन की ओर मोल्डो में आयोजित की गई थी, जोकि नौ घंटे से भी अधिक चली थी. दोनों देशों के ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर डिस-एंगेजमेंट से संबंधित अन्य बाकी बचे क्षेत्रों में समाधान के लिए विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया.

अब तक हो चुकी है 12 दौर की बातचीत 

दोनों देशों के बीच पिछले साल अप्रैल महीने से हालात तनावपूर्ण होने लगे थे. जून महीने में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति और बिगड़ गई थी. इसके बाद बातचीत के दौर की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत अब तक 12 बार कोर कमांडर स्तर की चर्चा हो चुकी है. फरवरी में पिछली बार पैंगोंग सो इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी थीं. उसके बाद से अब तक किसी अन्य क्षेत्र में कोई भी डिस-एंगेजमेंट नहीं हुआ है.

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भारत इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि देपसांग और डेमचोक जैसे इलाकों को पिछले साल तनाव के बाद से फ्रिक्शन प्वाइंट नहीं माना जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वहां निर्माण देखा गया है, जिसपर चर्चा होनी चाहिए और उसका हल निकाला जाना चाहिए. वहीं, इन इलाकों के हालात को लेकर चीन अपने रुख पर अडिग रहा है. चीन पिछले एक साल में बने फ्रिक्शन प्वाइंट्स के अलावा, किसी अन्य इलाकों पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है.

कोर कमांडर स्तर की वार्ता को बताया रचनात्मक

दोनों देशों ने अपने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कोर कमांडर स्तर की बातचीत को रचनात्मक बताया है. बयान में कहा गया है कि इस बातचीत के जरिए आपसी समझ में और बढ़ोतरी होगी. दोनों ही देश मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार इन बचे हुए मुद्दों को जल्द से हल करने और बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे और दोनों ओर से शांति बनाई रखी जाएगी.

 

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