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विकास रेजिमेंट बटालियन के वो जवान, जिनकी वजह से फ्लॉप हो गया चीन का प्लान

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर एक बार फिर तनातनी छिड़ गई है. चीन ने शनिवार की रात को घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया. चीन को मात देने में इस दौरान विकास रेजिमेंट बटालियन के जवानों ने मोर्चा संभाला.

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बॉर्डर पर फिर तनावपूर्ण हुई स्थिति (फाइल)
बॉर्डर पर फिर तनावपूर्ण हुई स्थिति (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनातनी
  • भारत के जवानों ने चीन को फिर दी मात
  • अहम जगह पर कब्जा चाहता था चीन

चीन ने एक बार फिर बॉर्डर पर अपने नापाक इरादें दिखा दिए हैं. शनिवार की रात को चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारत के जवानों ने नाकाम कर दिया. भारतीय सेना की विकास रेजिमेंट बटालियन के जवानों ने पैंगोंग त्सो इलाके में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया.

सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड से इन जवानों को पैंगोंग इलाके में तैनात किया गया था. इसी बटालियन ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर एक ऐसी स्ट्रेटिजिक हाइट को अपने कवर में ले लिया, जिसपर चीनी सेना की नज़र थी. ये हिस्सा भारतीय जमीन में आता है, लेकिन चीन इसपर दावा कर रहा था.

चीनी सैनिकों की कोशिश थी कि इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया जाए, ताकि पैंगोंग इलाके से साउथ बैंक के पास उन्हें भारतीय सेना के सामने फायदा मिल सके. लेकिन यहां पर भारतीय सेना के जवान पहले से ही मुस्तैद थे यही कारण रहा कि चीन का प्लान धरा का धरा रह गया.

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विकास रेजिमेंट बटालियन के जवानों ने दी मात


इसी वजह से चीन लगातार बौखलाया हुआ है. हालांकि, अब मौजूदा टेंशन को कम करने के लिए बातचीत का सिलसिला जारी है लेकिन कोई पुख्ता नतीजा आता हुआ नहीं दिख रहा है.

चीन की हर चालबाजी के लिए हिंदुस्तान तैयार है. भारत ने ठाकुंग इलाके के पास हथियार इकट्ठा करने शुरू कर दिए हैं. विकास रेजिमेंट के जिन जवानों ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया, उनमें कई तिब्बती भी थे. जिन्होंने सेना के जवानों के साथ मिलकर चीन को चकमा दे दिया.

गौरतलब है कि चीन और भारत के बीच मई के बाद से तनाव वाली स्थिति रही है. जून में दोनों सेनाओं के बीच एक हिंसक झड़प भी हुई थी. लेकिन बीते कुछ समय से माहौल काबू में था, जिसे चीन ने एक बार फिर बिगाड़ने की कोशिश की.
 

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