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बातचीत की टेबल पर भारत मजबूत, काला टॉप के बाद अब फिंगर 4 क्षेत्र पर भी कब्जा, चीन बैचेन

मई महीने से ही भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति है. 29-30 अगस्त की रात चीन ने फिर घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन भारत ने इसे नाकाम कर दिया. अब दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर लेवल की चर्चा जारी है.

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भारत-चीन बॉर्डर पर जारी है तनाव (फाइल)
भारत-चीन बॉर्डर पर जारी है तनाव (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत-चीन बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण
  • भारत ने कई अहम पोस्ट को कब्जे में लिया
  • गुरुवार को भी जारी रह सकती है बातचीत

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बरकरार है. बीते शनिवार दोनों देशों की सेनाओं में हुई ताजा झड़प के बाद बातचीत की कोशिशें तेज की गई हैं. बुधवार को ब्रिगेड कमांडर लेवल पर चर्चा हुई, लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. ऐसे में गुरुवार को फिर ये बातचीत जारी रह सकती है. मौजूदा हालात में बॉर्डर पर तनाव वाली जगह भारत की स्थिति मजबूत है यही कारण है कि बैठक में भारत का पलड़ा भारी दिख रहा है. 

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लद्दाख में भारत ने काला टॉप हिल अपने अंडर में ले ली है, यही कारण है कि चीन इस वक्त सकते में है. दरअसल, ऊंची पहाड़ी पर कब्जा होने के कारण भारत की स्थिति मजबूत हो गई है यानी अगर हालात बिगड़ते हैं तो हिंदुस्तान को एडवांटेज होगा. यही कारण है कि बातचीत की टेबल पर भी भारत सख्त रवैया अपना रहा है और अपनी बात पर अड़ा हुआ है. 

इस बातचीत के बीच भारत ने लद्दाख में पैंगोंग इलाके में नॉर्थ फिंगर 4 को फिर अपने कब्जे में ले लिया है. जून महीने के बाद पहली बार भारतीय सेना के कब्जे में ये इलाका पूरी तरह से आ गया है. अब यहां से सबसे निकट की चीनी पोस्ट फिंगर 4 के ईस्ट हिस्से में हैं, जो भारतीय सेना की पॉजिशन से कुछ मीटर की दूरी पर है.

ये भी पढ़ें: अमेरिका बोला- पड़ोसियों को डरा रहा है चीन, भारत से रिश्ते सुधरने की उम्मीद

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भारत पहले ही काला टॉप और हेल्मेट टॉप अपने कब्जे में ले चुका है, साथ ही अब गोस्वामी टॉप भी भारत के कब्जे में आने की खबर है. बता दें कि मौजूदा हालात में यहां पर रेजंग्ला और रिकन एरिया भी काफी महत्व रखता है ऐसे में हर किसी की नज़र इनपर बनी हुई है.

बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहा. इस दौरान बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के लिए रवाना हुए, जहां वो देर शाम को पहुंचे. राजनाथ सिंह को रूस के मॉस्को में SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेना है, जहां पर चीन के प्रतिनिधि भी होंगे. हालांकि, इस दौरान भारत-चीन के सदस्यों की मुलाकात होगी या नहीं इसपर कोई ठोस जानकारी नहीं है.

इस तनाव के दौरान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना संबोधन देंगे. भारतीय समयानुसार रात नौ बजे पीएम मोदी भारत-अमेरिका के रिश्तों पर जारी एक चर्चा में हिस्सा लेंगे और की-नोट एड्रेस देंगे. बता दें कि चीन के हालिया बर्ताव को लेकर अमेरिका ने भी चिंता व्यक्त की है और खुलकर भारत का साथ दिया है. 


 

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