scorecardresearch
 

'तवांग में चीन को अतिक्रमण से हमारी सेना ने रोका, हमारा कोई जवान गंभीर रूप से घायल नहीं', संसद में बोले राजनाथ सिंह

अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई थी. इस झड़प में दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं. भारत के 6 जख्मी सैनिकों को गुवाहाटी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि चीन के करीब 300 सैनिक तवांग के यांगत्से में भारतीय पोस्ट को खाली कराने पहुंचे थे. तभी ये झड़प हुई.

Advertisement
X
राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को बयान जारी कर, चर्चा कराने की मांग की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि तवांग में 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने एलएसी पर अतिक्रमण करने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सेना ने चीन का बहादुरी से जवाब दिया. इस दौरान हाथापाई भी हुई और दोनों ओर कुछ सैनिकों को चोटें भी आईं. हालांकि, रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना के किसी भी जवान की न तो झड़प में मौत हुई और न ही कोई गंभीर जख्मी हुआ. 

Advertisement

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया,  09 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया.  चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.

भारत ने कूटनीतिक स्तर पर उठाया मुद्दा- राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के कमांडर ने समय रहते हस्तक्षेप किया और चीन के सैनिक वापस अपनी लोकेशन पर चले गए. इस घटना के बाद क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की और घटना पर चर्चा की. चीनी पक्ष को इस तरह की कार्रवाई से मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है. 

Advertisement

रक्षा मंत्री ने कहा, माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैं. मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा. 

पार्टियों ने की चर्चा की मांग

दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई थी. इस झड़प में दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं. भारत के 6 जख्मी सैनिकों को गुवाहाटी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. इससे पहले कांग्रेस, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया है. उधर, पीएम मोदी ने भी कैबिनेट बैठक बुलाई है.

विपक्ष ने की संसद में चर्चा की मांग

विपक्ष संसद में आज भारत चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन झड़प पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. उन्होंने इस मामले में पीएम और रक्षा मंत्री से बयान देने और सदन में चर्चा करने की अपील की है. टीएमसी ने भी राज्यसभा में नियम 267 के तहत सरकार से इस मुद्दे पर बयान जारी करने की मांग की है. आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है. आप ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की. 

Advertisement

कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, भारतीय सेना के जवानों के साथ चीन ने उकसावे की कार्रवाई की है और हमारे जवानों ने भी करारा जवाब दिया है जिसमें कुछ जवान घायल भी हुए हैं. खड़गे ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा देश एक है और इसका हम राजनीतिकरण नहीं करेंगे. लेकिन मोदी सरकार को चीनी घुसपैठ और एलएसी पर अप्रैल 2020 के बाद की स्थिति को लेकर संसद में बहस कराके पूरे देश को विश्वास में लेना चाहिए. हम अपने जवानों के अतुलनीय शौर्य और बलिदान के हमेशा ऋणी रहेंगे. 

ओवैसी ने साधा सरकार पर निशाना

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई है और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई.

ओवैसी ने कहा कि अभी घटना का ब्योरा अधूरा है. झड़प की वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या गलवान जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है? साथ ही ओवैसी ने आगे लिखा कि सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है. संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है. मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा.

Advertisement

क्या हुआ था 9 दिसंबर को?

9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांगत्से इलाके में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच जमकर झड़प हुई थी. बताया जा रहा है कि चीनी सेना सोची समझी साजिश के तहत 300 सैनिकों के साथ यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे. चीनी सैनिकों के पास कंटीली लाठी और डंडे भी थे. लेकिन भारतीय जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया. इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई. भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हट गए. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी भी की. भिड़त में दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं. भारत के 6 जवानों को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है. 

 

 

TOPICS:
Advertisement
Advertisement