India-China commander level talks: भारत और चीन लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के मुद्दे को लेकर एक बार फिर रविवार को बातचीत की मेज पर आएंगे. आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की 16वें दौर की मीटिंग होगी. जानकारी के मुताबिक ये अहम बैठक चुशूल मोल्दो में होने जा रही है. भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच पिछली बातचीत 11 मार्च को हुई थी.
एजेंसी के मुताबिक आज दोनों देशों की इस अहम मीटिंग में भारत की ओर से डेपसांग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान के साथ ही सभी प्वाइंट्स से जल्द से जल्द सैनिकों को हटाने के लिए दबाव बनाया जाएगा. हाल ही में 7 जुलाई को बाली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत में भी ये मुद्दा प्रमुखता से उठा था.
G-20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर एक घंटे की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग को लद्दाख के मुद्दे के बारे में बताते हुए कहा था कि इस मसले का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए.
समाधान के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कहा था कि विदेश मंत्री ने लद्दाख में शांति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने की बात पर जोर दिया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि एस जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने की बात कही थी.
समझौतों का ईमानदारी से पालन करें
हाल ही में 15 दौर की वार्ता बेनतीजा निकलने के बाद भारत की ओर से चीन को चेतावनी दी गई है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के प्रबंधन के लिए हुए समझौतों का ईमानदारी से पालन किया जाए. हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत और चीन के बीच 1993 और 1996 में हुए उचित समझौतों का ईमानदारी से अनुपालन किया जाए.
60 हजार सैनिक तैनात हैं पहाड़ी क्षेत्र में
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी. वर्तमान में दोनों देशों के LAC और संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्र में 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं.
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