भारत-चीन सीमा विवाद के बीच WMCC की 20वें दौर की बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने 8 महीने से जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विस्तार से चर्चा की. बता दें कि WMCC की बैठक 2 महीने के बाद हो रही है. भारत की ओर से डेलीगेशन का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया) नवीन श्रीवास्तव ने किया. वहीं चीन की ओर से होंग लियांग ने डेलीगेशन का नेतृत्व किया. उधर, दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर आमने-सामने हैं.
दोनों पक्षों ने अपने बयानों में कहा कि हम विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच किए गए समझौतों के आधार पर कार्य करेंगे और जल्द ही इस मसले का समाधान करेंगे. भारत ने जहां 'तनाव वाले क्षेत्र' में डिसइंगेजमेंट का मुद्दा उठाया तो वहीं, चीन ने 'फ्रंट-लाइन ट्रूप्स' का जिक्र किया.
विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि “दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए दोनों विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौतों के आधार पर जल्द से जल्द पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ सभी फिक्शन प्वाइंट पर डिसइंगेजमेंट सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.''
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि "मॉस्को की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के दौरान तय हुए पांच सूत्रीय सर्वसम्मति को लागू करने पर दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की है, जिससे कि सीमा पर चल रहा गतिरोध जमीनी स्तर पर खत्म किया जा सके और दोनों देशों के बीच शांति व्यवस्था बहाल की जा सके. इनमें फ्रंट-लाइन सैनिकों के डिसइंगेजमेंट का मुद्दा भी शामिल है.”
भारत के बयान में डिसइंगेजमेंट का जिक्र दो बार हुआ जबकि चीन ने सिर्फ एक बार ही इस शब्द का उल्लेख किया. चीन के तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने मिलिट्री और अन्य माध्यमों से सीमा पर तनाव और गतिरोध खत्म करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई है.