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फिर बातचीत की टेबल पर भारत-चीन, कई घंटों से जारी है कोर कमांडर्स की बैठक

इस बैठक में 14 कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और उनके संभावित उत्तराधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन शामिल हुए हैं. इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय के एक जॉइंट सेक्रेटरी भी इस बैठक का हिस्सा हैं.

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भारत और चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार (फोटो: PTI)
भारत और चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार (फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत और चीन के बीच फिर बातचीत
  • बॉर्डर पर कोर कमांडर लेवल की मीटिंग
  • MEA के अधिकारी भी शामिल

भारत और चीन के बीच बीते लंबे वक्त से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. अगस्त के आखिर में ताजा तनाव होने के बाद बातचीत बंद हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर बॉर्डर पर भारत और चीन की सेना के अफसर बातचीत की टेबल पर आ गए हैं. भारत और चीन के कोर कमांडर्स की मीटिंग सुबह 10 बजे से अब तक जारी है. यह मीटिंग चीन की ओर मोल्डो में हो रही है.

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इस बैठक में 14 कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और उनके संभावित उत्तराधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन शामिल हुए हैं. इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्रालय के एक जॉइंट सेक्रेटरी भी इस बैठक का हिस्सा हैं. चीन की ओर से मेजर जनरल लिन लिउ (PLA) मौजूद हैं. इस बैठक में विवाद को सुलझाने, सैनिकों की संख्या कम करने पर ज़ोर रहेगा. भारत की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है कि वो एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. 

इस बार बातचीत में देपसांग का मसला भी उठ सकता है, क्योंकि चीन की ओर से बड़े स्तर पर यहां अपनी मौजूदगी दर्ज कराई गई है. साथ ही मुख्य फोकस पैंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जारी हलचल को लेकर होगा. भारत की ओर से गलवान की तरह ही इन इलाकों में सैनिकों को हटाने की मांग की जाएगी. विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों के बीच जो बैठक हुई थी और उसमें जो तय हुआ था, भारत की ओर से उन्हीं बातों का पालन करने की मांग की जाएगी. 

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भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कई बार साफ कर चुके हैं कि बॉर्डर पर हालात बिगड़ने के पीछे चीन की जिद है, चीन एलएसी को नहीं मान रहा है. ऐसे में भारत को ना ही कोई पैट्रोलिंग से रोक सकता है और ना ही कोई LAC को बदल सकता है. इन्हीं मसलों पर आगे की बात की जा रही है. 


 

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