पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले साल अप्रैल महीने से सीमा के मामले में भारत-चीन के बीच विवाद चल रहा है. दोनों देशों के बीच शुरुआत में रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे, लेकिन लगातार चले बैठकों के दौर के बाद बीते दिनों तनाव में कुछ हदतक कमी आई है. हालांकि, बॉर्डर के पास चीनी सेना की गतिविधियों की कुछ रिपोर्ट्स ने फिर से माहौल को बदल दिया है. ऐसे में भारत ने अपनी तैयारियों को पुख्ता करते हुए 50 हजार सैनिकों को सीमा पर भेजा है. चीन के खिलाफ भारत का यह फैसला 'ऐतिहासिक' माना जा रहा है.
बॉर्डर पर दो लाख से ज्यादा कुल सैनिक तैनात
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मामले से परिचित चार लोगों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में, भारत ने चीन से लगती अपनी सीमा के साथ तीन अलग-अलग क्षेत्रों में सैनिकों और लड़ाकू जेट्स स्क्वाड्रनों को तैनात कर दिया है. कुल मिलाकर, भारत के अब लगभग 2,00,000 जवान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. दो लोगों ने बताया कि यह संख्या पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी अधिक है. बॉर्डर पर भारत की पहले सैन्य उपस्थिति का उद्देश्य चीनी सेनाओं की चाल को रोकना था. अब नई तैनाती भारतीय कमांडरों को ऑफेंसिव डिफेंस के रूप में जानी जाने वाली रणनीति में जरूरी होने पर चीन पर हमला करने और उसके क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए अधिक विकल्प देगा.
सीमा पर चीन के कितने सैनिक मौजूद?
हालांकि, अभी यह साफ नहीं हुआ है कि बॉर्डर पर चीन के कितने सैनिक हैं, लेकिन भारत ने पाया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) ने हाल ही में तिब्बत से अतिरिक्त बलों को शिनजियांग सैन्य कमांड में ट्रांसफर कर दिया है. इसी कमांड की जिम्मेदारी इस क्षेत्र में गश्त करने की है. दो लोगों ने बताया कि चीन तिब्बत में विवादित सीमा पर नए रन-वे, बम प्रूफ बंकर हाउस, फाइटर जेट और नए एयरफील्ड जोड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बीजिंग ने पिछले कुछ महीनों में लंबी दूरी की तोपें, टैंक, रॉकेट और दो इंजन वाले लड़ाकू विमान भी तैनात किए हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सेना की तैनाती के बारे में एक सवाल के जवाब में सोमवार को बीजिंग में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "चीन और भारत के बीच सीमा पर वर्तमान स्थिति स्थिर बनी हुई है. दोनों पक्ष सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं."
सेना, वायुसेना और नौसेना सब तैयार
उधर, रविवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल एम. एम. नरवणे सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बॉर्डर पर सैन्य तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लद्दाख में थे. जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना ने अरुणाचल प्रदेश में लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस फ्रांस से मंगाए गए राफेल फाइटर जेट्स को सपोर्ट के लिए तैनात किया हुआ है. इसके साथ ही, चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना भी पूरी तरह मदद के लिए आगे आई हुई है. वह ज्यादा युद्धपोतों को लंबे समय के लिए प्रमुख समुद्री मार्गों पर रख रही है.