अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद अब भारत ने भी लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले की निंदा की है. इस मसले पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में भारत ने कहा है कि हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा हिंसा और उग्रवाद के खिलाफ खड़ा रहा है. हम सलमान रुश्दी पर हुए हमले की निंदा के साथ-साथ उनके जल्द अच्छे होने की कामना करते हैं. बता दें कि रुश्दी पर हुए हमले की वैश्विक स्तर पर निंदा की गई थी.
रुश्दी को अपने उपन्यास द सैटैनिक वर्सेज के लिए 1989 में दुनियाभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी. ईरान के सुप्रीम लीडर अमानतुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मृत्युदंड का फतवा जारी कर दिया था.ने पिछले कई सालों से छिपते फिर रहे थे.
दुनिया भर के ज्यादातर मुसलमान इस उपन्यास को ईशनिंदा के रूप में देखते हैं. भारत उन कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने इस किताब पर प्रतिबंध लगाया हुआ था.
लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को न्यू यॉर्क के बफेलो के पास चौटाउक्वा में एक लेक्चर से पहले मंच पर चाकू घोंपकर घायल कर दिया गया था.
बता दें कि किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने के लिए सलमान रुश्दी को ईरान द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी जा चुकी है. ऐसे में धमकी मिलने के 33 साल बाद रुश्दी को न्यूयॉर्क में एक मंच पर चाकू घोंपा गया था. हमले के बाद पुलिस ने तत्काल ही हेलीकॉप्टर के जरिये उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया था.
किताब लिखे जाने के ठीक एक साल बाद ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था. इसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था. यही नहीं फतवा में रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम देने की बात भी कही गई थी.