जागा है हिंदुस्तान
जागा हर इंसान है
जागी है धरती
और जागा आसमान है...
तो तुम भी जागो !!
इस गाने की धुन अब कश्मीर की बेटियों के बीच भी सुनाई देगी. कश्मीर में हालात चिंताजनक हैं, लेकिन सरकार और भारतीय सेना लगातार वहां के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम कर रही है. अब वहां की लड़कियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बराबरी का पैगाम लेकर लखनऊ से 'मेरी जिंदगी' रॉक बैंड उनके बीच पहुंच रहा है. इस रॉक बैंड के सदस्य कश्मीर की लड़कियों को जागरुक करने के लिए न सिर्फ संगीतमय प्रस्तुति देंगी, बल्कि वहां की लड़कियों-महिलाओं और खास तौर पर छात्राओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर बात भी करेंगी.
दो दिन के इस कार्यक्रम में वहां की महिलाओं को कई नई बातों को जानने -समझने का भी मौका मिलेग. 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International girl child day) है और इसे देखते हुए कश्मीर में दो दिन का ये आयोजन किया गया. सेना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य वहां की महिलाओं और बच्चियों को बदलाव की जानकारी देना है जिससे उनका जीवन स्तर ऊपर उठ सके.
क्या है कार्यक्रम?
Indian Army के 'Winning Hearts and Minds' (WHAM) और SADBHAVANA नाम के अभियान के तहत कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है. इसके तहत कई कार्यक्रम कश्मीर के सुदूर इलाकों में बसे गांव में हो रहे हैं. ये अपनी तरह की अनूठी पहल है जिसमें Female Mission Rock Band 'मेरी जिंदगी' को आमंत्रित किया गया है. 9 अक्टूबर को दौरे के पहले दिन बैंड की सदस्य Machhal district के आस-पास कई गांव में जाकर वहां की महिलाओं और छोटी बच्चियों से शिक्षा, आत्मनिर्भरता, महिलाओं के लिए कैरियर में सामान अवसर ( career opportunity) , मेन्स्ट्रूअल हाइजीन (menstrual hygiene) पर बात करेंगी. दौरे के दूसरे दिन बैंड की सदस्य क्षेत्र के कई गांव के लोगों के सामने संगीतमय प्रस्तुति देंगी. विशेष रूप से इसमें उन गीतों का चयन किया गया है जो शिक्षा और लड़कियों की आत्मनिर्भरता से जुड़े हैं.
'मेरी जिंदगी' का 'मिशन'
'मेरी जिंदगी' देश का पहला फीमेल मिशन रॉक बैंड है. यानी इसकी सभी सदस्य महिलाएं हैं और ये सिर्फ जागरूकता के उद्देश्य से गीत बनाकर अपनी प्रस्तुति देते हैं. इस बैंड ने अभी तक 350 से ज़्यादा शो किए हैं. डॉ जया इस बैंड की प्रमुख हैं जो खुद गीतों को लिखती और धुन बनाती हैं. इसके अलावा बैंड में निहारिका दुबे, पूर्वी मालवीय, सौभाग्य दीक्षित और मेघना श्रीवास्तव भी हैं जो अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स बजाती हैं.
मेजेंटा इस रॉक बैंड का ड्रेस कोड है. निहारिका कहती हैं कि हम साड़ी पहनकर उन लड़कियों के बीच जाएंगे. अपनी प्रस्तुति देंगे. हमारी कोशिश उनके दिलों से जुड़ने की है. कश्मीर जाने को लेकर उत्साहित रॉक बैंड की प्रमुख डॉ जया ने कई गानों का चयन किया है. इसमें एक है ...
पढ़ना लिखना है अधिकार
कहते सारे रिश्तेदार
फिर भी रह जाती तू वंचित
इसमें तेरा ही अपराध ....
जया कहती हैं, 'हम लोग वहां के लोगों खास तौर पर महिलाओं और बच्चियों से सीधे जुड़ेंगे. यही अपने आप में खुशी की बात है. हमारा प्यार और संगीत तो है ही. हमारे लिए भी ये पल बेहद जोश और उत्साह से भरा हुआ है.'