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पाकिस्तान का झूठ बेनकाब, भारत बोला- हमने बातचीत का संदेश नहीं दिया

भारत ने पाकिस्तान के झूठ को एक बार फिर बेनकाब किया है. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोइद यूसुफ के बयान को काल्पनिक और गुमराह करने वाले बताया है.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो- PTI)
विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो- PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत ने पाकिस्तान के झूठ को किया बेनकाब
  • 'PAK अधिकारी का बयान काल्पनिक और गुमराह करने वाला'
  • भारत ने बातचीत का कोई संदेश नहीं दिया: विदेश मंत्रालय

भारत ने पाकिस्तान के झूठ को एक बार फिर बेनकाब किया है. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोइद यूसुफ के बयान को काल्पनिक और गुमराह करने वाले बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने बातचीत का कोई संदेश नहीं दिया है. बता दें कि मोइद यूसुफ ने दावा किया था कि भारत की तरफ से बातचीत की इच्छा जाहिर की गई है. मोइद यूसुफ ने कहा था कि भारत को बातचीत से पहले उनकी पांच शर्तें माननी होंगी. 

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसपर कहा कि हमने पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी का इंटरव्यू देखा और उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की. हमेशा की तरह यह घरेलू विफलताओं से ध्यान हटाने और भारत को सुर्खियों में लाकर अपने देश के लोगों को भ्रमित करने का पाकिस्तान का ये प्रयास है.

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमारी ओर से पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं भेजा गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमपार आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जारी है. घुसपैठ कराने के लिए वो सीजफायर का उल्लंघन करता है.

पड़ोसी मु्ल्क पर निशाना साधते हुए अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व भारत के खिलाफ अनुचित, भड़काऊ और घृणा फैलाने वाला भाषण देता है. भारत के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन और अभद्र भाषा का उपयोग सामान्य पड़ोसी संबंधों के लिए अनुकूल नहीं है.

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पाकिस्तान के NSA ने क्या कहा था

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोइद यूसुफ ने भारतीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और सभी विवादों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहता है. 

मोइद यूसुफ ने कहा था कि पाकिस्तान शांति के पक्ष में है और भारत के साथ किसी भी बातचीत का स्वागत करता है लेकिन कश्मीरियों की जिंदगी सामान्य होनी चाहिए. मोइद यूसुफ ने कहा था कि भारत को बातचीत से पहले उनकी पांच शर्तें माननी होंगी. इन मांगों में जम्मू-कश्मीर का दर्जा वापस करना, कश्मीर के राजनैतिक कैदियों की रिहाई शामिल है. 

 

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