scorecardresearch
 

किंग जॉर्ज 5th जगह विराजेंगे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, अनूठी है इतिहास की ये कहानी

पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया गया. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अभी तक के युद्ध और सभी सैन्य ऑपरेशन्स में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित हैं.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था
  • 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग

इंडिया गेट पर अब अमर जवान ज्योति नहीं दिखेगी. इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया. अमर जवान ज्योति को लेकर जारी विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाएगी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नेताजी की ग्रेनाइट से बनी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी. यह उनके प्रति भारत की कृतज्ञता का प्रतीक होगा.

Advertisement

ऐसे में एक बार फिर एक इतिहास भी दोहराया जा रहा है जहां इंडिया गेट से करीब 150 मीटर पर मौजूद कैनोपी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा. दरअसल ऐसा पहली बार नहीं है जब इंडिया गेट पर मौजूद कैनोपी में कोई बदलाव हो रहा है.

कैनोपी में पहले किंग जॉर्ज 5th की एक मूर्ति थी, जिसे साल 1968 में हटा दिया गया था. जिसके बाद जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को हटाकर कोरोनेशन पार्क में लगा दिया गया. जिसके बाद से ही यह कैनोपी खाली पड़ी हुई थी. माना जाता है कि यह भारत से अंग्रेजों के वापस लौटने के तौर पर दर्ज हो गयी थी. लेकिन अब यहां पर नेताजी की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. 

शुक्रवार को यह कार्यक्रम एयर मार्शल बालभद्र राधाकृष्ण की अध्यक्षता में हुआ. पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया गया. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अभी तक के युद्ध और सभी सैन्य ऑपरेशन्स में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित हैं.

Advertisement

बता दें कि 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था. इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था. इस युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. 

एक जानकारी के मुताबिक इससे पहले, चंद्र कुमार बोस, जो एक भाजपा नेता भी हैं, ने प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला पत्र लिखा था जिसमें दिल्ली में इंडिया गेट के सामने नेताजी की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की गई थी. उन्होंने प्रधानमंत्री से करेंसी नोटों पर नेताजी की तस्वीर छापने और 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने को भी कहा था.


 

Advertisement
Advertisement