भारत में जल्द ही कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए एक नया टेस्ट शुरू होने वाला है. दरअसल कोरोना वायरस की अलग-अलग वैक्सीन को एक साथ मिलाकर टेस्ट किया जाएगा और देखा जाएगा कि ये हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर है या नहीं. राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के तहत कोविड 19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने इस दिशा में जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद जताई है.
NTAGI के कोविड-19 संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख ने इससे पहले कहा था कि यह मानने के कोई कारण मौजूद नहीं है कि आने वाले हफ्तों, महीनों या कोविड-19 की अगली लहर में, बड़ी संख्या में बच्चे इससे प्रभावित होंगे. हालांकि उन्होंने बाल कोविड सेवाओं में सुधार के लिए अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत पर जोर जरूर दिया.
एनके अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा आंकड़े भारत में वायरस के विभिन्न स्वरूपों द्वारा बच्चों या युवाओं को विशेषतौर पर प्रभावित करने संबंधी कोई पूर्वानुमान नहीं दिखाते हैं. उन्होंने कहा चूंकि संक्रमण के कुल मामले बढ़े हैं इसलिए दोनों आयुवर्ग के मरीज भी ज्यादा नजर आ रहे हैं. अरोड़ा ने कहा कि इस वक्त तीसरी लहर के बारे में कुछ भी अनुमान लगाना संभव नहीं है.
अरोड़ा ने कहा, 'अपने देश में जो अनुभव मिला है और दुनिया के अन्य हिस्सों में जो देखने को मिला है उसके आधार पर यह मानने का कोई कारण नहीं है कि आगामी हफ्तों या महीनों में या कोरोना वायरस की अगली लहर में, बड़ी संख्या में बच्चे इससे प्रभावित होंगे.'