भारत ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी लिस्ट में शामिल करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम का स्वागत किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया, जिसका हम स्वागत करते हैं.
उन्होंने कहा कि मक्की लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज सईद का साला भी है. मक्की ने लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने सहित कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं. क्षेत्र में आतंकी संगठनों से खतरा बना रहेगा. लेकिन यूएनएससी के इस तरह के प्रतिबंध इस तरह की खतरों से निपटने का एक प्रभावी टूल है.
बागची ने जारी बयान में कहा कि भारत की आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति है. हम आतंकवादियों के कड़े एक्शन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदायों और संगठनों पर दवाब डालते रहेंगे.
मक्की पर भारत के खिलाफ हमलों की साजिश का आरोप
अब्दुल रहमान मक्की टेरर फंड इकट्ठा करने, युवाओं को हमले के लिए उकसाने, भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है, खासकर जम्मू कश्मीर में. मक्की लश्कर ए तैयबा चीफ और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है. लश्कर के कई ऑपरेशन्स में मक्की का हाथ रहा है. वह लश्कर के ऑपरेशन्स के लिए फंड भी जुटाता रहा है. मक्की लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. वह लश्कर की राजनीतिक पार्टी जमाद उद दावा का चीफ भी है.
मक्की भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही जाना जाता है. साल 2010 में भारत विरोधी बयान को लेकर वह सुर्खियों में भी रह चुका है. उसने पुणे के जर्मन बेकरी में धमाके के आठ दिन पहले मुजफ्फराबाद में भाषण दिया था और पुणे समेत भारत के तीन शहरों में आतंकी हमले करने की धमकी दी थी. भारत की मांग पर अमेरिका ने मक्की को आतंकी घोषित किया था.
चीन ने लगा दिया था अड़ंगा
बता दें कि भारत पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव लाया था. लेकिन चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था. जून में भारत ने इस मुद्दे पर चीन को फटकार भी लगाई थी. भारत ने जून 2022 में आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने पर चीन की आलोचना की थी.