भूकंप ने पांच देशों को हिला कर रख दिया है. म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप ने तबाही मचाई है. बांग्लादेश और चीन के भी कुछ हिस्सों में भूकंप ने हिला दिया है. भारत के मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बीच, भारत सरकार अलर्ट हो गई है और भूकंप प्रभावित देशों में मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं.
शनिवार सुबह भारत के वायुसेना स्टेशन हिंडन से ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी गई है. ये राहत सामग्री भारतीय वायुसेना के विमान C 130 J से म्यांमार पहुंची है. इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाईजिन किट्स, सोलर लैंप, जेनरेटर सेट, जरूरी दवाएं (पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, कॉटन बैंडेज, यूरिन बैग आदि) शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ऑपरेशन ब्रह्मा के जरिए म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. भारत भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में कार्य कर रहा है. 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून में पहुंच गई है.
150 लोगों की मौत, 700 से ज्यादा लोग घायल
म्यांमार-थाईलैंड में 200 साल का सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है. सैकड़ों लोग मलबे में दब गए हैं. अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर ये भूकंप कितना खतरनाक था. भूकंप से म्यांमार में सबसे ज्यादा तबाही हुई है और अमेरिका के Geological Survey ने आशंका जताई है कि मरने वाले लोगों का आंकड़ा 10 हजार को भी पार कर सकता है.
यह भी पढ़ें: 'जैसे-जैसे सीढ़ियों से उतर रहे थे, वैसे-वैसे दीवारें फट रही थीं...', बैंकॉक गई मॉडल ने सुनाई भूकंप की कहानी
कहां था भूकंप का केंद्र?
बैंकॉक में इमारत गिरने से 80 लोग लापता हो गए हैं. 3 की जान गई है. म्यांमार में शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता का ताकतवर भूकंप आया था. इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था लेकिन इस भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन में भी महसूस किए गए.
म्यांमार दुनिया के उन देशों में आता है, जो भूकंप के लिहाज़ से खतरनाक है और म्यांमार में हर महीने 8 भूकंप आते हैं. इसका कारण ये है कि म्यांमार से Ring of Fire की दूरी ज्यादा नहीं है, जहां पूरी दुनिया के 81 प्रतिशत भूकंप आते हैं. इसके अलावा म्यामांर Indian Plates और Sunda Plates के बीच है, जिसकी वजह से इन Plates के टकराने से म्यांमार में भूकंप बनते रहते हैं और इस Fault को SAGAING (सागाइंग) फॉल्ट कहते हैं.
यह भी पढ़ें: भूकंप से हाहाकार, 150 की मौत, 700 से ज्यादा घायल... 8 सेकंड में कांप उठे म्यांमार समेत 5 मुल्क