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AK-203 Rifle: भारत में बनाने को लेकर रूस से आगे बढ़ी बात, जानिए इस असॉल्ट रायफल की खासियत

रूस और भारत की दोस्ती एक बार फिर आगे बढ़ रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के बीच दोनों देश भारत में AK-203 असॉल्ट रायफल बनाने को लेकर समझौैते पर आगे बढ़े हैं.

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भारत में बनेंगी AK-203 असॉल्ट रायफल (सांकेतिक तस्वीर)
भारत में बनेंगी AK-203 असॉल्ट रायफल (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत में बनाई जाएंगी AK-203 रायफल
  • रूस और भारत में आगे बढ़ी बातचीत
  • अमेठी में हुई थी फैक्ट्री की शुरुआत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के साथ जारी विवाद के बीच रूस दौरे पर हैं. गुरुवार को राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम मसलों पर समझौता हुआ. साथ ही रूस की बेहतरीन AK-203 रायफल को अब भारत में बनाया जाएगा, जिसको लेकर दोनों देशों में बात आगे बढ़ गई है.

रूसी रक्षा मंत्री सर्गी शोइगू ने भारत के मेक इन इंडिया प्रोग्राम का समर्थन किया और रूस की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया. साथ ही रूस को भारत के आत्मनिर्भर भारत की जानकारी भी दी गई, जिसके बाद भारत में AK-203 असॉल्ट रायफल बनाने पर बात आगे बढ़ी. 

ऐसे में रूस की डिफेंस इंडस्ट्री जल्द ही भारत के मेक इन इंडिया प्रोग्राम में अपना योगदान दे सकती है और भारत में हथियारों का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है. साथ ही रूस अगले साल होने वाले भारत के एरो इंडिया एग्जीबेशन में हिस्सा ले सकता है.

आपको बता दें कि AK-203 रायफल, AK-47 का नेक्स्ट मॉडल है. अगर भारतीय सेना में इसकी एंट्री होती है, तो ये इनसास की जगह लेगा. अपनी शत प्रतिशत सफलता के लिए मशहूर AK-203, कंटवर्टेबल रायफल है. इसे सैमी ऑटोमेटिक और ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. एके-47 सबसे बेसिक मॉडल है इसके बाद एके में 74, 56, 100 सीरीज, 200 सीरीज आ चुकी है.

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इसकी लंबाई करीब 3.25 फुट है. गोलियों से भरी राइफल का वजन लगभग 4 किलोग्राम होगा. साथ ही यह किसी भी ऑपरेशन में जवानों के लिए इजी टू हैंडल होगी. यह नाइट ऑपरेशन में भी काफी कारगर होगी.

रूसी एजेंसी के मुताबिक, भारतीय थल सेना को करीब  7.7 लाख AK-203 रायफल की जरूरत है, जिसमें से एक लाख रूस से दी जाएंगी जबकि अन्य का बड़ी संख्या में भारत में ही प्रोडक्शन होगा. 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में भारत-रूस ने मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर लगाया है, जहां पर इन रायफल का निर्माण होना है. कुछ वक्त पहले पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी, लेकिन रूस के साथ कीमतों को लेकर मामला अटका था. अब रक्षा मंत्रियों की बातचीत में संकेत मिले हैं, तो ये निर्माण की योजना आगे बढ़ सकती है.

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