भारत ने यूएनएचआरसी (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद) में पाकिस्तान को जमकर सुनाया. दरअसल पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश की, जिस पर भारत ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया. जिनेवा में परिषद में भारत की प्रतिनिधि सीमा पुजानी ने कहा, “पाकिस्तान की आबादी अपने जीवन, आजीविका और स्वतंत्रता के लिए लड़ रही है, लेकिन भारत के प्रति पाकिस्तान का जुनून गलत प्राथमिकताओं का संकेत है. मैं पाकिस्तान के नेतृत्व और अधिकारियों को सलाह देती हूं कि वे निराधार प्रचार के बजाय अपनी ऊर्जा जनता के हित में काम करने में लगाएं. सीमा पुजानी ने कहा, "पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग किया है.
दरअसल, हिना रब्बानी खार ने आरोप लगाया था कि मौजूदा भारत सरकार कश्मीरियों को उनकी आजीविका से वंचित करने के लिए आवासीय घरों को ध्वस्त कर रही है. जमीन के पट्टे खत्म करके उन्हें दंडित कर रही है.
आतंकवाद फैलाने वाला देश है पाकिस्तान
भारतीय राजनायिक ने पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने वाला देश बताया है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने हमेशा ही आतंकियों को संरक्षण दिया है. आतंकी हाफिज सईद और आतंकी मसूद अजहर का वर्षों से पालन-पोषण किया जा रहा है. आतंकी ओसामा बिन लादेन तो पाकिस्तानी आर्मी की डिफेंस कॉलोनी के बगल में रहता था."
मानवाधिकार पर पाकिस्तान की बातें मजाक
भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि मानवाधिकारों पर पाकिस्तान की बातें मजाक हैं. वह बोली, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए धार्मिक आजादी नहीं है. वे अपने धर्म का पालन नहीं कर सकते हैं.अहमदिया समुदाय को अपनी आस्था का पालन करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के खुद के जांच आयोग को पिछले एक दशक में 'जबरन गायब' किए जाने की 8,463 शिकायतें मिली हैं. बलूच लोगों ने इस क्रूर नीति का खामियाजा भुगता है. छात्रों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों और सामुदायिक नेताओं को राज्य द्वारा नियमित रूप से गायब कर दिया जाता है."
कश्मीर-लद्दाख हमेशा भारत के रहेंगे
सीमा पुजानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों के पूरे क्षेत्र भारत का हिस्सा थे, हैं और हमेशा रहेंगे. पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है. दरअसल उन्होंने यह बयान जम्मू-कश्मीर पर तुर्किये के प्रतिनिधि की टिप्पणियों के विरोध में दिया. उन्होंने कहा कि हम भारत के आंतरिक मामले पर तुर्किये की टिप्पणियों पर खेद जताते हैं और उन्हें सलाह देते हैं कि वह हमारे आंतरिक मामलों पर अवांछित टिप्पणी करने से बचे.