मानवाधिकार के मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की महासभा जारी है. सोमवार को एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ को भारत ने उजागर किया और उसके द्वारा लगाए गए हर आरोप पर कड़ा प्रहार किया. भारत की ओर से अधिकारी पवन ने पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि पड़ोसी मुल्क हर बार इस मंच का इस्तेमाल झूठ बोलने के लिए करता है ऐसे में संस्था को इसपर विचार करना चाहिए.
पाकिस्तान ने भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप लगाया, जिसपर भारत की ओर से जवाब दिया गया कि पाकिस्तान किस तरह अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव करता है, ये पूरी दुनिया जानती है. कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसके बारे में चिंता व्यक्त की है, अहमदी समुदाय के साथ किया जा रहा बर्ताव निंदनीय है.
साथ ही भारत की ओर से पाकिस्तान के कई इलाकों में लगातार आ रही बच्चों के अगवा किए जाने की घटनाओं पर भी निशाना साधा गया. भारत ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जानबूझ कर वहां के लोगों को अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, वो लोग राजनीतिक आजादी चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है.
भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान के आतंक नीति पर भी करारा वार किया और कहा कि भारत के जम्मू-कश्मीर इलाके में पाकिस्तान के द्वारा आतंकियों की घुसपैठ कराई जाती है. कोरोना संकट काल में भी पाकिस्तान ऐसा करने से बाज नहीं आया, लेकिन भारत ने उसकी घुसपैठ को नाकाम किया है. इस बात को कोई बदल नहीं सकता है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का ही हिस्सा है, ऐसे में पाकिस्तान को आइने में देखना चाहिए और दूसरे देश में आतंकी भेजना बंद करना चाहिए.
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग की सालाना बैठक भी हो रही है. जहां राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया गया.