भारत ने पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था. उन्हें सीमा से बाहर खदेड़ दिया था. अब कहा जा रहा है कि अमेरिका ने भारत साथ यह खुफिया रिपोर्ट साझा की थी, जिस वजह से चीनी घुसपैठ को नाकाम करने में मदद मिली थी. अमेरिकी मीडिया यूएस न्यूज ने खुफिया सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी सरकार ने पहली बार अपने भारतीय समकक्षों को रियल टाइम में घुसपैठ से पहले चीन की स्थिति और उसकी सेना की क्षमता की जानकारी दी थी.
चीनी सेना के सीमा में आने का इंतजार कर रहे थे जवान
यूएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक- भारतीय सेना के जवान चीन सेना के आने का इंतजार कर रहे थे और ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका ने भारत को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए हर तरह की जानकारी दे दी थी. यह रिपोर्ट दिसंबर 2022 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट से बिल्कुल मेल खाती है. इस रिपोर्ट में इंडिया टुडे ने बताया था कि सैटेलाइट इमेज की मदद से तवांग में चीनी घुसपैठ के लिए भारतीय सेना को कैसे तैनात किया गया था.
चीनियों से झड़प में कोई जवान नहीं हुआ था जख्मी
भारत ने पहले स्पष्ट किया था कि चीनी सैनिकों के साथ झड़प में कोई भी भारतीय सैनिक जख्मी नहीं हुआ था क्योंकि उन्होंने 9 दिसंबर को यांग्त्से में चीनी सैनिकों को सफलतापूर्वक खदेड़ दिया था. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था- 9 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की थी. चीन की कोशिश का हमारे सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. यूएस खुफिया सूत्रों के मुताबिक दो देशों की सेनाओं की बीच सफलतापूर्वक सूचनाओं को साझा किया गया, इसे 'ए टेस्ट केस' टर्म दिया गया.
भारत और अमेरिका के बीच सैन्य संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी बेहतर हुए हैं. अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे. ऑस्टिन III ने पिछले साल विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा के दौरान कहा था, "हम सूचना की शेयरिंग के जरिए अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाने और रक्षा औद्योगिक सौदों के जरिए उभरते रक्षा डोमेन में मदद के लिए अहम कदम उठा रहे हैं.