ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) की डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ देश के पूर्व जज, नौकरशाह, राजनयिक और सैन्य अधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया : द मोदी क्वेश्चन' में दिखाई गई बातों से कड़ा ऐतराज जताते हुए खुला पत्र लिखा है. इस पर अब तक 302 हस्तियों ने दस्तखत किए हैं. इनमें 133 रिटार्यड नौकरशाह, 156 सशस्त्र सैन्य अधिकारी, 33 पूर्व राजनयिक और 13 रिटायर्ड जज शामिल हैं.
इस ज्ञापन में कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि पत्रकारिता के उसूलों के खिलाफ जाकर दुर्भावना से भारत की छवि को धूमिल करने की निहायत घटिया कोशिश को गई है. ज्ञापन में लिखा है कि तथ्यों से दूर हटकर कथित और सुनने में आया जैसे शब्दों के इस्तेमाल कर डॉक्यूमेंट्री में अनाप शनाप और मनगढ़ंत बातें कही गई हैं.
'सत्य और तथ्य से परे है डॉक्यूमेंट्री'
ज्ञापन के मुताबिक देश के सुप्रीम कोर्ट ने 452 पेज के अपने फैसले में गुजरात दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई विशेष जांच टीम यानी SIT की क्लोजिंग रिपोर्ट को मान्यता दे दी थी, तब के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोप भी खारिज कर दिए थे. उसके बावजूद बीबीसी ने देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को बदनाम करने की गरज से मनमानी चीजें उसे डॉक्यूमेंट्री में दिखाई हैं. डॉक्यूमेंट्री मेकर्स ने आरबी श्रीकुमार, हेयर पंड्या और संजीव भट्ट के हवाले से कई ऐसी बातें कही और दिखाई हैं जिनका सत्य और तथ्य से परे हैं.
कई मुद्दों को गलत तरीके से किया पेश
बता दें कि गुजरात दंगों के अलावा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अस्थायी प्रावधानों में बदलाव, देश में मुसलमानों की स्थिति और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर तथ्यहीन और जनता में भ्रम फैलाने वाली बातें दिखाई और बताई गई हैं. दस्तखत करने वालों में जस्टिस अनिल देव सिंह, जस्टिस शिव नारायण ढींगड़ा, पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण, पूर्व गृह सचिव एलसी गोयल और पूर्व विदेश सचिव शशांक भी शामिल हैं. रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, एनआईए के पूर्व निदेशक योगेश चन्द्र मोदी ने भी इस ज्ञापन पर दस्तखत किए हैं.
यूट्यूब और ट्विटर पर ब्लॉक हुईं वीडियोज
बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज की वीडियोज पर एक्शन लेते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने YouTube पर ब्लॉक कर दिया गया है. इसके साथ ही BBC डॉक्यूमेंट्री के YouTube लिंक शेयर करने वाले ट्वीट भी ब्लॉक किए गए हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कई YouTube वीडियो को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं. सूत्रों का कहना है कि यूट्यूब और ट्विटर दोनों ने निर्देशों का पालन किया है.
BBC की किस डॉक्यूमेंट्री पर बवाल?
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी की सीरीज को झूठे नेरेटिव और प्रोपेगेंडा का हिस्सा बताया था. बता दें कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में एक नई डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. ये सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है तब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. गोधरा में हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन में आग लगने के बाद कथित तौर पर हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा के कारण एक हजार से अधिक मौतें हुईं थी.