scorecardresearch
 

Explainer: चीनी सैनिक जासूसी के शक में धरा गया, जानें-क्यों लौटाना पड़ेगा भारत को?

भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रचलित परंपराओं को सम्मान करते हुए चीन के इस सैनिक को तुरंत वापस करने पर राजी हो गया. हालांकि जब कुछ ही दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में पांच भारतीय नागरिक गलती से चीन की सीमा में प्रवेश कर गए थे तो चीन कई दिनों तक इनके बारे में जानकारी देने से आनाकानी करता रहा.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन के सैनिक को वापस करने तैयार भारत
  • अंतरराष्ट्रीय नियमों का भारत ने सम्मान किया
  • डेमचोक में पकड़ा गया था चीनी सैनिक

लद्दाख के डेमचोक में कथित रूप से भूलवश आए चीनी सैनिक को भारतीय सेना वापस कर रही है. हालांकि चीन ने तो दावा किया था कि उसका ये सैनिक गलती से भारतीय सीमा में प्रवेश कर गया था. लेकिन भारत को आशंका है कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान कहीं ये चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में जासूसी तो नहीं कर रहा था. हालांकि PLA का दावा है कि उसका एक सैनिक चरवाहे की याक ढूंढने में मदद करते हुए रात को खो गया था और इस दौरान वह भारतीय सीमा में आ गया. 

Advertisement

चीन के इस सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लॉन्ग के रूप में की गयी है. 

भारत को भले ही शक हो कि चीनी सैनिक जासूसी कर रहा था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रचलित परंपराओं को सम्मान करते हुए भारत तुरंत इस सैनिक को वापस करने पर राजी हो गया. हालांकि जब कुछ ही दिन पहले अरुणाचल प्रदेश में पांच भारतीय नागरिक गलती से चीन की सीमा में प्रवेश कर गए थे तो चीन कई दिनों तक इनके बारे में जानकारी देने से आनाकानी करता रहा. 

लेकिन भारत ने इस सैनिक को पकड़ने के साथ ही तुरंत इसकी जानकारी चीनी पक्ष को दी. इसके बाद भारत ने कहा कि उसे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोड़ दिया जाएगा. 

क्या कहता है नियम? 

शांति काल में जब भी किसी देश का सैनिक दूसरे देश में पाया जाता है तो सबसे पहले उसक तलाशी ली जाती है, क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में सबसे ज्यादा डर जासूसी का होता है. इसके बाद पकड़े गए शख्स की पहचान पता की जाती है. उसके बात उसके पकड़े जाने की सूचना दूसरे पक्ष को दी जाती है.

Advertisement

जबकि युद्ध या टकराव की स्थिति में युद्ध में शामिल या किसी सामान्य सैनिक को अगर विरोधी देश किसी सैनिक कार्रवाई के बाद पकड़ता है तो वो देश उसे युद्धबंदी के तौर पर रख सकता है. 

देखें: आजतक LIVE TV

अभी भारत और चीन के बीच युद्ध या संघर्ष जैसी कोई स्थिति नहीं है, इसलिए भारत ने अतंरराष्ट्रीय कायदे कानून का सम्मान करते हुए इस चीनी सैनिको रिहा करने का फैसला किया है. 

हालांकि इससे पहले भारत को इस बात से पूर्ण रूप से संतुष्ट होने का अधिकार है कि पकड़ा गया सैनिक किसी भी तरह की जासूसी कार्रवाई में शामिल नहीं था, साथ ही इस सैनिक के पास से बरामद कोई भी मानचित्र, तस्वीर, उपकरण संवेदनशील की कैटेगरी में नहीं आते हैं. 

बता दें कि लगभग चार साल पहले भारतीय सेना के जवान चंदू बाबूलाल चौहान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे. हालांकि उसी वक्त भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. लेकिन चंदू चौहान इसमें शामिल नहीं थे. बाद में भारत ने दबाव बनाकर अपने इस सैनिक को पाकिस्तान से रिहा करवाया था. 


 

Advertisement
Advertisement