साल 2023 में G20 समिट की मेजबानी भारत करेगा. सऊदी अरब में 15वें समिट के समापन के बाद अगले वर्षों में होने वाली इस समिट के मेजबान देशों के नामों की घोषणा हुई. 2021 में इटली, 2022 में इंडोनेशिया और 2023 में जी20 समिट की अध्यक्षता भारत करेगा. वहीं साल 2024 में ब्राजील समिट की मेजबानी करेगा.
समिट के समापन के मौके पर पीएम मोदी ने सऊदी अरब की तरफ से किए गए सफल आयोजन पर आभार जताया. समिट के दूसरे दिन धरती को सुरक्षित रखने और बेहतर भविष्य को लेकर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट में अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में समावेशी स्थायी सुधार के लिए प्रभावी वैश्विक शासन की जरूरत है. विश्वभर के देशों का बेहतर आपसी समन्वय वक्त की मांग है. पीएम मोदी ने पर्यावरण को लेकर सामने आ रही चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सभी देशों को मिलकर इससे निपटना होगा.
पीएम मोदी ने 2030 एजेंडा के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि इस एजेंडे में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने की बात कही गई है. भारत रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म ’की रणनीति में इसी सिद्धांत का पालन कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर बदलती परिस्थितियों में हमारे देश ने 'आत्मनिर्भर' बनने की पहल को अपनाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय स्तंभ बनेगा. वैश्विक स्तर पर भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे संस्थानों की स्थापना की पहल की है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस दौर में हमें जलवायु परिवर्तन को लेकर भी काम करने की जरूरत है. उन्होंने पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि हमारा देश इसका पालन कर रहा है और जलवायु परिवर्तन के लिए काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि हम सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने पर काम कर रहे हैं. हमारे देश में शेर और चीतों की आबादी बढ़ रही है. हमने 2030 तक 26 मिलियन बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य रखा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता की समृद्धि के लिए हर एक व्यक्ति को समृद्ध होना चाहिए. श्रम को केवल उत्पादन के कारक के रूप में नहीं देखना चाहिए. इसके बजाय, हमें हर श्रमिक की मानवीय गरिमा पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पृथ्वी की सुरक्षा के लिए यह सबसे अच्छा कदम होगा.