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नड्डा बोले- लखीमपुर की घटना दुखदायी, नेताओं के घेराव की नई परंपरा भी गलत

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर दुख जाहिर करते हुए विपक्षी दलों के रवैए पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस घटना को हम चुनाव की दृष्टि से न देख रहे हैं. मानवता की दृष्टि से देखें. ये दुखदाई घटना है.

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जेपी नड्डा (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
जेपी नड्डा (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेपी नड्डा ने लखीमपुर की घटना पर दुख जताया
  • लखीमपुर की घटना में कानून अपना काम कर रहा
  • किसानों के साथ बातचीत के लिए हम तैयार है-नड्डा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर दुख जाहिर करते हुए विपक्षी दलों के रवैए पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस घटना को हम चुनाव की दृष्टि से ना देखें. बल्कि मानवता की दृष्टि से देखें. ये दुखदाई घटना है. इसके साथ उन्होंने किसानों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी. 

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लखीमपुर मामले में कानून अपना काम कर रहा

जेपी नड्डा ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना पर कानून अपना काम कर रहा है और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. हमने एसआईटी गठित की है. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. हम इसे करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. साथ ही एक नया तरीका डेवलप हो रहा है विरोध का. उसके बारे में भी सोचना चाहिए. कई घटनाएं हो रही हैं. राह चलते अटैक हो जाता है.

उन्होंने कहा कि नेताओं का घेराव करना. डेमोक्रेटिक प्रोसेस में हमें उस सिस्टम को कहां तक ले जाना है, ये भी सोचना है.लेकिन कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है. उसके साथ भी न्याय होगा. 

किसान आंदोलन पर क्या बोले नड्डा

बीजेपी अध्यक्ष ने किसान आंदोलन को खुलकर बात की. इस दौरान कृषि कानून रद्द करने पर विचार के सवाल पर उन्होंने  हमें समझना होगा कि किसान नेता, किसानों का नेता, ये नारा लेकर कई राजनेता किसान नेता के नाम से पहचाने गए हैं. बहुत दिनों से किसानों के बारे में चर्चा हुई. हम मंत्री भी रहे. 22 हजार बजट होता था. अब 1.23 लाख करोड़ बजट है. ये कर्ज माफी करके अपने आपको किसान  का चैंपियन समझने लगे हैं. 10 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि के माध्यम से पहुंचाए हैं.

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उन्होंने कहा कि कभी कोई किसान सोच सकता था कि उसे पेंशन मिलेगी, उसे पेंशन मिलने लग गई. कभी किसी ने सोचा था कि उर्वरक की बोरी 2400 की बोरी 1200 में मिलने लगी. डेढ़ गुना एमएसपी मिलेगी. खरीदी हुई है. एमएसपी थी, है और रहेगी और हम एमएसपी पर खरीदारी जारी रखेंगे.

मोदी सरकार में किसानों के सबसे ज्यादा काम

नड्डा ने कहा कि आप पेन बनाते हो तो उसे बेचने का अधिकार सब जगह है, लेकिन किसान फसल लगाता है तो वो फसल मंडी में ही बेच सकता है ये 70 साल की पाबंदी है या छूट है. 11 दौर की बातचीत हुई. अभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसको सस्पेंड करो, हमने सस्पेंड कर दिया

जेपी नड्डा ने कहा कि जब हम बात करने को तैयार हैं. हम आपके प्रोविजन को सस्पेंड करके बात करने को तैयार हैं. आप घोड़े को पानी के पास तक ले जा सकते हैं लेकिन उसे पानी पीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. बीजेपी इस तरीके से जमीन पर हिलाई नहीं जा सकती. जमीन पर भारत की जनता मुंह तोड़ जवाब देती है.

उन्होंने कहा कि हम आज भी बातचीत के लिए तैयार हैं. आपकी कुर्सी चली गई, इसलिए आप हल्ला करना शुरू करो, तो ये पीड़ा निकल रही है. हम तो बूथ पर काम करने वाले लोग हैं. कौन जानबूझकर गड़बड़ कर रहा है और कौन गलती से गड़बड़ कर रहा है, ये पता है.

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बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं डेमोक्रेटिक प्रोसेस इस तरह कर्व नहीं होते. पेशेंस जरूरी है कि विपक्ष में काम करने की. जिसे पेशेंस नहीं, वो विपक्ष में काम कर ही नहीं सकता. (राहुल को बता रहे हैं या अखिलेश को) जो सुन ले उसको भला.

 

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