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फिलहाल महिला अधिकारी कॉम्बैट जोन में ही रहेंगी, समय के साथ होगा बदलाव: सेना प्रमुख

India's National Security: जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि फिलहाल हमने भारतीय सेना के दस शाखाओं में ही महिला आयोग की शुरुआत की है. सपोर्टिंग आर्म, सपोर्टिंग सर्विस, लेस इंफेंटरी आर्मर्ड एंड मैकेनाइज्ड इंफेंट्री. फिलहाल इसी में एंट्री है.

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NDA में लड़कियों की एंट्री पर क्या बोले सेना प्रमुख जनरल नरवणे?
NDA में लड़कियों की एंट्री पर क्या बोले सेना प्रमुख जनरल नरवणे?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • NDA में लड़कियों की एंट्री पर बोले सेना प्रमुख जनरल नरवणे
  • बांग्लादेश में पहले से ही है व्यवस्था
  • समझ नहीं आता हमलोग पीछे क्यों रह गए

एनडीए में लड़कियों के दाखिले का रास्ता साफ हो गया है. इसके अलावा नेवल एकेडमी और अब राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में भी लड़कियों की एंट्री हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस योजना को मंजूरी देते हुए राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में इसी साल दिसंबर से लड़कियों के एडमिशन की प्रकिया शुरू करने का निर्देश दिया है.

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आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2021) में शनिवार को इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि हमोलग सशस्त्र बल और भारतीय सेना में किसी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं. फिर चाहे वह भाषा, धर्म या लिंग किसी भी आधार पर हो. हमारे पास इन मुद्दों को लेकर हमेशा ही एक समावेशी नीति रही है. जहां तक NDA में महिला कैंडिडेट के एंट्री की बात है तो हमने कभी भी इसमें कोई रिजर्वेशन नहीं रखा है.

सेना प्रमुख ने आगे कहा कि असल में कई सारी एडिशनल इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हमारी तरफ से काम शुरू भी हो चुका है. मुझे नहीं लगता है कि हमारे लिए यह कोई आश्चर्य की बात है. क्योंकि हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं. पिछले दो दशक से हमारी सेना में महिला अधिकारी काम कर रही हैं. इसलिए ऐसा नहीं कह सकते कि हमारे लिए ऐसी स्थिति का सामना करना मुश्किल है. सच कहूं तो बांग्लादेश डिफेंस एकेडमी जो हमारे NDA के बराबर ही है. वहां भी कई सालों से लड़कियां कैंडर काफी सालों से है. मुझे नहीं पता कि हमलोग इतने पीछे कैसे रह गए.

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जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि फिलहाल हमने भारतीय सेना के दस शाखाओं में ही महिला आयोग की शुरुआत की है. सपोर्टिंग आर्म, सपोर्टिंग सर्विस, लेस इंफेंटरी आर्मर्ड एंड मैकेनाइज्ड इंफेंट्री. फिलहाल इसी में एंट्री है, आने वाले कुछ समय में  भी यहीं पर उनकी उपस्थिति रहेगी. मैं इस बारे में कोई झूठे वादे भी नहीं करूंगा. हमलोग यह जरूर देखेंगे कि आगे कैसे चला जा सकता है. क्या उन्हें भी पुरुष की तरह रण भूमि में भेजा सकता है या नहीं? किसी भी पड़ोसी देश ने अबतक कॉम्बैट आर्म्स में महिला अधिकारियों के लिए रास्ते नहीं खोले हैं. लेकिन यह भविष्य में बदला जा सकता है. फिलहाल महिला अधिकारियों को आर्मी एविएशन में पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह तय है कि आर्मी एविएशन दुर्लभ इलाकों में नहीं जाएगी. ये लोग कॉम्बैट जोन में ही रहेंगी. लेकिन कह सकते हैं कि हमलोग एक स्टैप आगे बढ़े हैं. हमलोग धीरे धीरे आगे बढ़ेंगे और सभी जरूरी बदलाव किए जाएंगे.   

 

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