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सीमेंट कंपनियों से क्यों नाराज हैं नितिन गडकरी, किया खुलासा

India Today Conclave 2021 में गडकरी बोले, 'मैं जब सीमेंट खरीदने लगा, सीमेंट की सड़कें बनाने लगा तो सीमेंट वालों ने 180 रुपये की बैग 380 रुपये कर दिए. मुझे इस बात का दुख हुआ कि मैंने देश की सीमेंट इंडस्ट्री को इतना बड़ा ऑक्सीजन दिया है. मैं 40 प्रतिशत सीमेंट खरीद रहा हूं. लेकिन ये लोग अब रेट बढ़ा रहे हैं.

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गडकरी सीमेंट कंपनियों से नाराज (फाइल फोटो)
गडकरी सीमेंट कंपनियों से नाराज (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीमेंट से सड़क बनाने का किया था ऐलान
  • कंपनियों ने बढ़ा दिए सीमेंट के दाम
  • 'अब अलग अलग तरीकों से बन रही हैं सड़कें'

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 में कहा कि हमारी 60-70 प्रतिशत सड़कें अब पूरी कंक्रीट की बन रही हैं. ये भी सच है कि मैंने आपके ही कार्यक्रम में कहा था कि मैं 100 प्रतिशत सड़कें कंक्रीट की बनेंगी. मैं देश के सीमेंट इंडस्ट्री का 40 प्रतिशत सीमेंट सड़क बनाने में इस्तेमाल कर रहा हूं. मैं जब सीमेंट खरीदने लगा, सीमेंट की सड़कें बनाने लगा तो सीमेंट की कंपनियों ने 180 रुपये की बैग 380 रुपये कर दिए.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का दुख हुआ. मैंने देश की सीमेंट इंडस्ट्री को इतना बड़ा ऑक्सीजन दिया है. मैं 40 प्रतिशत सीमेंट खरीद रहा हूं. लेकिन ये लोग अब रेट बढ़ा रहे हैं. तो मुझे यह बुरा लगा. इसलिए मैंने 100 प्रतिशत सड़के सीमेंट के बनवाने का फैसला छोड़ दिया. इसका कारण सीमेंट इंडस्ट्री है. अब मैं स्टील और सीमेंट का इस्तेमाल कम करने की रणनीति बनाई है. अभी मैं खुले रूप से स्टील और सीमेंट का इस्तेमाल कम करने पर जोर दे रहा हूं. अभी एक चीज और कर रहा हूं कि जहां बारिश ज्यादा होती है वहां सड़कें सीमेंट की ही बनेंगी. लेकिन अब वेस्ट मैटेरियल वाली सड़कें बनाई जा रही हैं. जो बहुत अच्छी बन रही हैं. 

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गाड़ियों की स्पीड लिमिट पर क्या बोले गडकरी

नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में गाड़ियों की स्पीड लिमिट का पैरामीटर हमारे लिए एक बड़ी चुनौतियों में से हैं. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कार स्पीड को लेकर कुछ फैसले हैं, जिसके चलते हम कुछ कर नहीं पा रहे हैं. देश में आज ऐसे-ऐसे एक्स्प्रेस-वे बन गया है और उन सड़कों पर एक कुत्ता भी नहीं आ पाता, क्योंकि रोड के दोनों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है. ऐसे में हमने प्लान बनाया है कि संसद में जाउंगा को बिल बनाकर सारे पैरामीटर बदल दूंगा. उन्होंने कहा कि स्पीड को लेकर एक मानसिकता बनी हुई है कि कार की स्पीड बढ़ी तो एक्सीडेंट हो जाएगा. इस परसेप्सन से बाहर निकलना है, जिसके लिए हम फाइल तैयार करा रहे हैं. इसमें एक्सप्रेस-वे से लेकर हाईवे और शहरों व जिलों की सड़कों की स्पीड लिमिट तैयार कर रहे हैं. लोकतंत्र में हमें कानून बनाने का अधिकार है और उस पर जजों को निर्णय करने का अधिकार है.

 

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