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India today conclave 2021: अनुराग ठाकुर बोले- देश में खेल संस्कृति में बदलाव किया जाना चाहिए

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के 19वें संस्करण के दूसरे दिन खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश में सबसे अहम बात है कि खेल संस्कृति में बदलाव किया जाना चाहिए.

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खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (फोटो-चंद्रदीप कुमार)
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (फोटो-चंद्रदीप कुमार)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 कार्यक्रम का आज दूसरा दिन
  • स्पॉन्सर्स को और अधिक फंड देने के लिए आगे आना होगाः अनुराग
  • खेल संस्कृति को बढ़ावा देने को मैच देखना शुरू करना होगाः रिजिजू

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के 19वें संस्करण के दूसरे दिन राइज़ हाई द रूफ बीम्स: अनलीजिंग द ट्रांसफॉर्मेटिव पावर ऑफ स्पोर्ट्स इन इंडिया में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खेल को बढ़ावा देने के लिए देश में खेल संस्कृति में बदलाव किया जाना चाहिए.

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के 19वें संस्करण के दूसरे दिन खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों को अधिक एक्सपोजर देने के लिए और अधिक प्रतियोगिताओं तथा आयोजनों की जरुरत है. खेल मंत्री ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट जगत को इन आयोजनों के लिए स्पॉन्सर्स को और अधिक फंड देने के लिए आगे आना होगा.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश में सबसे अहम बात है कि खेल संस्कृति में बदलाव किया जाना चाहिए.

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (फोटो-राजवंत रावत)

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 टीवी पर मैच देखना शुरू करेंः किरण रिजिजू

अनुराग ठाकुर से साथ कॉन्क्लेव में शामिल हुए पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू ने देश में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को बढ़ावा देने के लिए लोगों से आह्वान किया कि लोगों को खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मैच देखना शुरू करना चाहिए, अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो टीवी पर मैच देखना शुरू करें. स्टेडियम में जाकर मैच देखना शुरू करें. उन्होंने कहा कि अब बैडमिंटन लीग क्यों नाकाम हो गई क्योंकि मैच देखने जाते ही नहीं थे.

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पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि लोग कहते हैं कि सरकार क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जबकि सरकार बीसीसीआई को कुछ भी नहीं देती. क्रिकेट को देखने वाले लोग लाखों-करोड़ों में हैं तो उसमें अपने आप ही कमाई होती है. आयोजक क्रिकेट में पैसा लगाते हैं. फुटबॉल का मुकाबला देखने वालों की संख्या 1 लाख भी नहीं होती तो आखिर आयोजक क्यों पैसा लगाएगा. जब लोग खेल देखेंगे तब ही तो आयोजक आएंगे और खेलों में सुधार होगा.

 

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