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India Today Conclave: चुनावी चंदा कैसे लिया जाए? चिदंबरम ने सुझाए ये 3 ऑप्शन, इलेक्टोरल बॉन्ड को बताया रिश्वत लेने का कानूनी तरीका

India Today Conclave 2024: चिदंबरम ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड ने एक तरह से रिश्वत को कानूनी रूप देने का काम किया है और सत्तारूढ़ पार्टी को इससे सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस दिन इलेक्टोरल बॉन्ड को मंजूरी मिली थी. मैंने उसी दिन कह दिया था कि रिश्वत को कानूनी मंजूरी दी गई है और मैं आज भी अपनी इसी बात पर कायम हूं.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम

India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिवसीय कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी शिरकत की. इस दौरान चिदंबरम ने आगामी लोकसभा चुनाव से लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड और मोदी सरकार पर खुलकर चर्चा की. 

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चिदंबरम ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड ने एक तरह से रिश्वत को कानूनी रूप देने का काम किया है और सत्तारूढ़ पार्टी को इससे सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि जिस दिन इलेक्टोरल बॉन्ड को मंजूरी मिली थी. मैंने उसी दिन कह दिया था कि रिश्वत को कानूनी मंजूरी दी गई है और मैं आज भी अपनी इसी बात पर कायम हूं.

इलेक्टोरल बॉन्ड पर क्या बोले चिदंबरम

ये पूछने पर कि आपकी राय में इलेक्टोरल बॉन्ड की जगह पर किस तरह के सिस्टम को मंजूरी देनी चाहिए? इस पर चिदंबरम ने कहा कि इसके दो-तीन रास्ते है. पहला चुनाव आयोग को ज्यादा से ज्यादा ओपन कैंपेनिंग की मंजूरी देनी चाहिए. लेकिन आयोग ने इस पर बहुत पाबंदियां लगाई हुई हैं. पिछले साल तमिलनाडु चुनाव में हम एक भी रोड शो नहीं कर पाए. अब चुनाव सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ा रहा है, ग्राउंड पर चुनाव कम लड़ा जा रहा है. 

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उन्होंने कहा कि दूसरा उपाय ये है कि चुनाव में उम्मीदवारों को बड़ी मात्रा में खर्च करने की मंजूरी दी जाए. 1984 में जब मैंने चुनाव लड़ा था, तब कार को एक दिन किराए पर लेने का किराया 400 से 500 रुपये था. आज के समय में 4000 से 5000 रुपये में एक दिन के लिए कार किराए पर मिलती है. थोड़े-बहुत पैसों से चुनाव नहीं लड़ा जाता. तीसरा तरीका स्टेट फंडिंग का है, इससे सभी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले दान में पारदर्शिता आएगी.

कांग्रेस के पतन पर चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को लुभाने में कामयाब रही है इस वजह से वह जीती है. लेकिन सवाल ये है कि क्या कांग्रेस वापसी कर पाएगी. मुझे लगता है कि हमें कर्नाटक, तेलंगाना और हरियाणा में पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें मिलेगी. लेकिन मैं उत्तर भारत के हिंदी भाषी राज्यों को लेकर कोई अनुमान नहीं लगा सकता.

चिदंबरम ने देश में हिंदुत्व की लहर के सवाल पर कहा कि अगर उत्तर भारत के हिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदुत्व की लहर है तो वहां के लोग उसी के अनुरूप वोट करेंगे. लेकिन इससे लोगों की समस्याएं हल नहीं होंगी और वे जूझते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये वोट किसी एक विशेष पार्टी को नहीं जाएगा बल्कि ये वोट हिंदुत्व के नाम पर डाला जाएगा. 

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एनडीए गठबंधन में परिवारवाद की भरमार

चिदंबरम ने परिवारवाद पर पिछले कुछ समय से हुए विवाद पर कहा कि कम से कम ऐसे दल परिवारवाद की बात नहीं करें, जिनके गठबंधन में परिवारवाद है. अकाली दल से लेकर, जेजेपी, आईएनएलडी, आरएलडी और टीडीपी में हर कोई परिवारवाद से जुड़ा हुआ है. अगर आप इसके खिलाफ हैं तो गठबंधन में कैसे इनके साथ जुड़े हुए हैं. 

मोदी के तीसरे कार्यकाल में संविधान में होंगे बदलाव

चिदंबरम ने कहा कि मुझे डर है कि बीजेपी अगर दो-तिहाई के बहुमत से लोकसभा चुनाव जीतती है तो संविधान में बहुत संशोधन होंगे. फिर आपको, मुझे और हम सबको पछताना पड़ेगा. बीजेपी ये खुलकर कहे कि वे चुनाव जीतने के बाद संविधान में बदलाव नहीं करेंगे. लेकिन मुझे पता है कि वे ऐसा नहीं कहेंगे. 

पूर्व वित्त मंत्री ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सामने जीत की संभावनाओं से जुड़े सवाल पर कहा कि बीजेपी के तमाम दावों के बावजूद भी ऐसी कई जगहें हैं, जहां कांग्रेस जीतेगी. मैं ये नहीं कह सकता कि सरकार बनाएंगे या नहीं. लेकिन कई राज्यों में जरूर जीतेंगे.

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