बाबुल सुप्रियो के सेशन के साथ ही इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 कार्यक्रम का समापन हुआ. दो दिन चले इस कॉन्क्लेव में बंगाल के चुनाव, कला-संस्कृति, आर्थिक तरक्की के रोडमैप समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. इस चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई दिग्गज चेहरे शामिल हुए.
बंगाल का मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बाबुल सुप्रियो ने कहा कि आपने गलत व्यक्ति से सवाल किया है. मेरा अभी काम टीएमसी के सारे विकेट चटकाना है. मैं पार्टी का एक ईमानदार सिपाही हूं.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि ऐसे कई बेहतरीन उद्यमी हैं जो बंगाली नहीं हैं, लेकिन वे बंगाल में रहते हैं और सकल घरेलू उत्पाद में बहुत योगदान करते हैं. दीदी लोगों के एक बड़े वर्ग का अनादर कर रही हैं. यह अंदरूनी-बाहरी बहस सिर्फ शोर है.
बाबुल सुप्रियो ने आगे कहा कि ममता बनर्जी का भाग्य इस बार लोग तय करेंगे. 2021 में क्या होता है, हम सभी देखने वाले हैं. हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, एक सच्ची राष्ट्रीय पार्टी हैं. हमारे पास महान नेता हैं, हमारे पास बेहतर आंकड़े हैं जो बंगाल के विकास के लिए रास्ता दिखाते हैं. टीएमसी क्या है? सिर्फ नाम में ऑल इंडिया लगा लेने से राष्ट्रीय पार्टी नहीं बनाती है. वह इस तथ्य से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है कि लोग समझते हैं कि आज बंगाल को क्या चाहिए और बंगाल को एक स्वच्छ सरकार चाहिए.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि ममता दीदी डर गई हैं, इसलिए वो कहती हैं कि जो डर गया वो मर गया. यह उनके अंदर के डर को दर्शाता है.
ममता पर निशाना साधते हुए बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह देवताओं के बीच फूट पैदा कर रही हैं. हमारे पास 33 करोड़ देवता हैं. हर कोई अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजा करने का हकदार है. उन्होंने बंगाल से जो वादा किया था और जो दिया, वह बिल्कुल विपरीत है. वह इसे एक नए मुकाम पर ले गई हैं.
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि ममता बनर्जी ने संघीय ढांचे का कत्ल कर दिया है. उन्होंने हमेशा राज्य के हिस्से को रोका है और केंद्र के हिस्से को रोका है.
जब ममता बनर्जी से 'पोरीबोर्टन यात्रा' के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि मैं एक स्ट्रीट फाइटर हूं, जबकि बीजेपी के लोग सार्वजनिक संपर्क के बिना अंदर आ गए हैं. इस पर बाबुल सुप्रियो ने कहा कि मैं किसी ऐसी चीज का जवाब कैसे दे सकता हूं जो असत्य है. मैं ममता दीदी से कहना चाहता हूं कि एक मुख्यमंत्री के रूप में, आपको एक बेहतर भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए और कुछ ऐसा नहीं बोलना चाहिए जो असत्य हो. यदि वह एक स्ट्रीटफाइटर हैं, तो उनके पास किसी से जय श्री राम कहने के लिए लोकाचार होना चाहिए.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के आखिरी सत्र में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बंगाल के मौसम को अब बदलना है. राम बनाम दुर्गा पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भगवान में भी बंटवारा करना चाहती हैं.
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने दिनेश त्रिवेदी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि त्रिवेदी बल्लेबाज नहीं बल्कि ऑलराउंडर हैं. मैं उनका बीजेपी में स्वागत करता हूं. हम साथ में मिलकर काम करेंगे.
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 1990 से नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं. इसलिए कभी भी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए. अमित शाह भी हमारे मित्र हैं. दोनों सिर्फ भारत के बारे में सोचते हैं. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी मैं उनसे मिलने जाता था. अगर मैं बीजेपी से जुड़ता हूं तो मुझे कोई रोक नहीं सकता. बीजेपी से जुड़ना कोई गलत बात नहीं.
बीजेपी से जुड़ने के सवाल पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि संसद में मैंने जो भी कहा वो दिल से कहा. इस्तीफे से पहले मैंने अपने गुरु से पूछा और उन्होंने कहा कि कर दो और मैंने इस्तीफा दे दिया. मैं ममता बनर्जी के लिए बेहतरी की कामना करता हूं. मेरा उनसे निजी तौर पर कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी ममता बनर्जी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि बस वो हिंसा न करें और हिंसा की निंदा करें. मेरे ऊपर बोझ था आज वो सिर से हट गया.
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि हमें गाली क्यों देनी चाहिए? बंगाल में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. गालियों की कोई जगह नहीं. मैंने नड्डा के काफिले पर हमले की निंदा की जिसके कारण मेरी निंदा की गई. बंगाली शांतिप्रिय हैं. मुझे लगता है कि बंगाल को खुद को खोजने की जरूरत है.
दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि जो करता हूं दिल से करता हूं. मेरा इस्तीफा पहले से तय नहीं था लेकिन हो गया.
ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से अचानक इस्तीफा देने के बाद इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मैं काफी भावुक व्यक्ति हूं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में रहते हुए आपको कहा जाए कि आप प्रधानमंत्री को गाली दो, गृह मंत्री को गाली दो तो मैं ऐसा क्यों करुंगा. पश्चिम बंगाल की संस्कृति यह नहीं रही है.
बेरोजगारी की चुनौती पर संजीव गोयनका ने कहा कि एक बार निवेश चक्र शुरू होने के बाद, जब क्षमताएं विकसित हो जाएंगी तो नौकरी का फ्लो भी बढ़ जाएगा. महामारी के दौरान जो हुआ उससे हम बहुत प्रभावित हैं, लेकिन इसे 6-9 महीने दें, फिर सब कुछ बेहतर होते हुए देख सकेंगे.
मेक इन इंडिया पर बात करते हुए गोयनका ने कहा, 'मुझे लगता है कि मेक इन इंडिया देश के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरने के लिए बहुत जरूरी है. भारत में टैरिफ बाधाएं बहुत कम हैं. साथ ही उन्होंने मेक इन इंडिया के विकास पर बात करते हुए कहा कि कभी-कभी आपके सामने ऐसी परिस्थितियां होती हैं जब राज्य सरकारें विभिन्न प्रकार के नियंत्रणों को लागू करती हैं. अगर किसी चीज़ में देरी होती है तो उसे लाइसेंस दिया जाता है. इसलिए अनुबंधों की पवित्रता, प्रतिबद्धताओं की पवित्रता, लाइसेंस की पवित्रता बहुत महत्वपूर्ण है. यह आगे बढ़ने के संदर्भ में पूर्ण विश्वास प्राप्त करने के मामले में अगला बड़ा कदम होने जा रहा है.
विकास के रास्ते पर पश्चिम बंगाल किन मुद्दों का सामना कर रहा है, इस सवाल के जवाब में आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका ने कहा कि पहली बात, बंगाल देश का एक हिस्सा है और जहां तक राष्ट्रीय नीति का सवाल है, हम वास्तव में ज्यादा की डिमांड नहीं कर सकते. हमारे पास एक बेहतरीन बजट और एक शानदार नीति है. अभी कुछ दिनों पहले आपने उद्यमियों के लिए पीएम के एक ट्वीट को देखा था. मैं कह सकता हूं कि, इस बजट में हमारी मांग से ज्यादा कुछ है. यह अब प्रदर्शन करने, स्केल करने, क्षमता में निवेश करने, अनुसंधान में और आगे बढ़ने का मौका है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 11वें सत्र में आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप के चेयरमैन संजीव गोयनका ने शिरकत की.
बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम बंगाल में इतने मजबूत हैं कि हमें किसी ओवैसी की जरूरत नहीं पड़ेगी. ममता बनर्जी ओवैसी से हाथ मिला लें तो भी हम ही जीतेंगे.
विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे पास सीएम उम्मीदवार बहुत हैं. कोई भी बन सकता है. कौन बनेगा ये परिणामों के बाद तय होगा. सीपीआईएम और कांग्रेस के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि हमारी राजनीति 51 परसेंट वोट पाने की है. 49 फीसदी वोट में किसे कितना वोट मिलता है इससे हमें कोई मतलब नहीं.
विजयवर्गीय ने कहा कि ममता सरकार तीन 'टी' यानी तानाशाही, टोलाबाजी और तुष्टिकरण के आधार पर काम कर रही है.
ममता बनर्जी के बीजेपी की वाशिंग मशीन वाली टिप्पणी पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले खुद के गिरेबान में देखना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति हमारे विचारधारा से प्रभावित होकर आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है कि उसके ऊपर लगे आरोप हटा दिए जाएंगे. उनकी जांच होगी और दोषी पाए जाने पर सजा मिलेगी.
दिनेश त्रिवेदी पर विजयवर्गीय ने कहा कि सदन के इतिहास में पहली बार किसी सदस्य ने अपने पार्टी की हिंसा की आलोचना की है. वो अगर रिकॉर्ड पर ये बात कहते हैं तो इससे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी के अंदर क्या चल रहा है. मेरी उनसे अच्छी मित्रता है. हालांकि, पार्टी से जुड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी और विचारधारा के प्रति जो आस्था प्रकट करे उसका पार्टी में स्वागत है. पार्टी के विस्तार के लिए अच्छे लोग किसी भी पार्टी के हों उनका स्वागत. उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी को नाराजगी नहीं है. हम किसी को भी शामिल करने से पहले निचले स्तर के पदाधिकारियों से बात करते हैं फिर उन्हें शामिल करते हैं.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 10वें सत्र में बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 200 फीसदी बीजेपी की सरकार बनेगी और बंगाल में जंगलराज समाप्त होगा.
बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिग्गज और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित इतिहासकार लेफ्टिनेंट कर्नल सज्जाद जाहिर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान 1971 में उन्हें दी गई मौत की सजा वापस नहीं ली. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने मुझे 1971 में मौत की सजा का पुरस्कार दिया. मुझे खुशी है कि उन्होंने इसे वापस नहीं लिया. शकरगढ़ की लड़ाई में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कुचल दिया था. उस दौरान, मेरे परिवार के कुछ सदस्यों को भागना पड़ा. कुछ लोग मारे गए. 1971 के युद्ध में भारत ने हमारी बहुत मदद की.'
इंडियन आर्मी के पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल शंकर रॉय चौधरी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में बोलते हुए कहा, '1971 का युद्ध भारतीय सेना और मित्र सेनाओं द्वारा लड़ा गया था और यह सामरिक सुधार का एक शानदार उदाहरण था. 1971 के युद्ध का परिणाम स्पष्ट जीत था. इसलिए इसे याद किया जाना चाहिए.'
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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 9वें सत्र '50 साल का बांग्लादेश: आगे का भविष्य' में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दिग्गज और सैन्य इतिहासकार लेफ्टिनेंट कर्नल सज्जाद जाहिर, 1971 के वरिष्ठ योद्धा कर्नल अशोक कुमार तारा और इंडियन आर्मी के पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल शंकर रॉय चौधरी शामिल हुए.
अभिनेता प्रोसेनजीत ने कहा कि मैं राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानता और मुझे राजनीति की कोई समझ भी नहीं है. बंगाल में किसकी सरकार बनेगी इस पर उन्होंने कहा कि अगर मैं इस सवाल का जवाब दे दूं तो मैं भगवान बन जाउंगा. जैसे लोग किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले ये नहीं बता सकते कि वो हिट होगी या नहीं, वैसे ही मैं भी ये नहीं कह सकता कि जीत किसकी होगी.
नेताजी के पोर्ट्रेट से जुड़ी बात पर 'गुमनामी' फिल्म में प्रतिष्ठित भूमिका निभाने वाले बंगाली अभिनेता प्रोसेनजीत ने कहा, 'यह मेरे लिए एक झटका था. मुझे पता था कि तस्वीर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार द्वारा दी गई थी. एक अभिनेता के रूप में मैं खुश था. यह मेरे निर्देशक की उपलब्धि है. इस पूरी बात के बाद, मुझे अपने निर्देशक और मेरी मेकअप टीम को धन्यवाद देना चाहिए. यह एक वास्तविक तस्वीर थी.'
प्रोसेनजीत चटर्जी ने कहा कि मुझे हिंदी फिल्मों को खारिज करने का अफसोस नहीं है. भारतीय सिनेमा का मतलब केवल हिंदी फिल्में नहीं हैं. जब लोग बंगाली फिल्मों के बारे में बात करते हैं, तो कहीं न कहीं वे मुझे पहचानते हैं. मेरे लिए यह बड़ी उपलब्धि है. मैं बहुत खुश हूं कि मैं कहीं न कहीं अपनी बंगाल फिल्म इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करता हूं.
प्रोसेनजीत चटर्जी ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड फिल्म मैंने प्यार किया के लिए सलमान खान की जगह ऑफर किया गया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उस समय मैंने एक हिट बांग्ला फिल्म की थी और इसके बाद मैं इस बात को लेकर कंफ्यूज था कि कहीं ऐसा न हो कि एक बांग्ला हिट फिल्म देने के बाद हिन्दी फिल्म फ्लॉप हो जाए तो क्या होगा. इसलिए मैंने मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे बाद में सलमान खान अभीनित फिल्म साजन के लिए भी ऑफर आया था. इस फिल्म में ऋषि कपूर और मुझे काम करना ऑफर मिला था, जिसमें मुझे संजय दत्त वाला रोल ऑफर किया गया था लेकिन मैंने अपनी बांग्ला फिल्म के लिए इस फिल्म को ना कह दिया.
प्रोसेनजीत चटर्जी ने बताया कि नेताजी कभी समझौता नहीं करने वाले व्यक्ति थे. राजनीति के बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा लेकिन कुछ लोग ऐसे रहे हैं जो राजनीति से ऊपर हैं. इसलिए जैसे हम भगवान को अलग रखते हैं वैसे ही नेताजी को भी हमें राजनीति से अलग रखना चाहिए.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 8वें सत्र में एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी ने शिरकत की.
आप भारतीय विपक्ष को भाजपा की ताकत के खिलाफ कैसे देखते हैं, इस सवाल के जवाब में येचुरी ने कहा, भारतीय विपक्ष को अधिक समन्वित और एकजुट होना चाहिए. लेकिन इन दलों को एक साथ काम करने के लिए, बहुत कुछ करना होगा.
लेफ्ट बंगाल में कितनी सीटें जीत सकती है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा होने पर, तृणमूल को जवाब देना होगा कि वो भाजपा या वाम दलों में से किसे चुनेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि हम सिर्फ अपनी संख्या बढ़ाना चाहते हैं. हम खेल में गंभीर हैं. हर कोई इस लड़ाई में शामिल है. कोई भी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के उद्देश्य से ही चुनाव लड़ता है.
यह चुनाव पिछले चुनावों से कैसे अलग है? इसके जवाब में येचुरी ने कहा कि इस बार का चुनाव इस अर्थ में अलग है कि यह बेहद सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की पृष्ठभूमि में हो रहा है और यह बंगाल के लिए बहुत खतरनाक है.
किसान आंदोलन पर बात करते हुए सीताराम येचुरी ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों और कृषि के लिए पूरी तरह से विनाशकारी हैं. इन कानूनों की मदद से सरकार उत्पादन को कॉर्पोरेट्स के हाथ में सौंपने जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप जमाखोरी और खाद्य असुरक्षा होगी.
तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की 'बी टीम' कहते हुए, सीताराम येचुरी ने कहा, 'कौन था जो भाजपा को बंगाल में लाया? वह कौन था जिसने भाजपा के साथ गठबंधन किया और बंगाल में उन्हें सीटें दीं? और आज आसानी से तृणमूल नेता एंटी-इनकंबेंसी के कारण बीजेपी में जा रहे हैं और क्योंकि बीजेपी ऐसा करने में सफल है.' उन्होंने कहा कि अगर आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा (हंग असेंबली) होती है तो तृणमूल भी बीजेपी के साथ जा सकती है. उनका ट्रैक रिकार्ड इस बात की ओर इशारा करता है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि मैं अभी यह कह सकता हूं कि लोगों को वास्तव में उन दिनों की उम्मीद करनी चाहिए जब बंगाल में सीपीआईएम सरकार होगी. क्योंकि लोगों के पास इस तरह की स्थिति कभी नहीं रही जैसी अभी है. वामपंथ भविष्य है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 7वें सत्र में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य बीजेपी को हराना है. पिछले लोकसभा में एंटीइनकंबेंसी के कारण जीत हासिल कर सकी.
कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक पार्टी के साथ गठबंधन में नहीं है. हमारे गठबंधन में काफी पार्टियां हैं. एआईयूडीएफ उस गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वह गठबंधन सत्ता की धारणा के लिए नहीं है. यह असम और असम के लोगों को भाजपा के कुशासन से छुटकारा दिलाने के लिए है.
असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन पर, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा को पता है कि अगर वह इस अधिनियम को लागू करती है तो वह राज्य में पैर नहीं रख पाएगी. उन्होंने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि सीएए को लागू क्यों नहीं किया गया है, क्योंकि वे जानते हैं कि उनके पास असम में दिखाने के लिए कोई चेहरा नहीं होगा. असम के लोग कानून के खिलाफ हथियार उठा रहे हैं. केवल यही कारण है कि गृह मंत्री ने कहा कि असम, बंगाल चुनावों के बाद, हम कानून लाएंगे.'
रणदीप सुरजेवाला के 'दलबदल से पूर्वोत्तर में भाजपा के विस्तार' पर प्रतिक्रिया देते हुए, असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'असम में, भाजपा ने 2016 में एक लोकप्रिय जनादेश हासिल किया. पिछले पांच वर्षों के दौरान, भाजपा या भाजपा के अंदर से कोई चूक नहीं हुई है. राज्य सरकार लोगों के समर्थन से बनी थी. मुझे नहीं पता कि यह इन्हें कैसे पता लग रहा है कि पार्टी का विस्तार दलबदल से हो रहा है.'
असम के शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि पिछले 5 सालों में असम में सबसे तेजी से विकास हुआ है और इस दौरान कोई सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम हुआ है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर में विस्तार पर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि क्या उनका मतलब 'दलबदल से विस्तार' से है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के छठे सत्र में असम के शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी शामिल हुए.
भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि 'जय श्री राम' का अर्थ समझाया जो पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में एक कथा बन गया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जय श्री राम एक धार्मिक नारा नहीं है, यह एक नारा बन गया है, जो विभिन्न चीजों के खिलाफ विरोध का प्रतीक है. अगर कोई इससे चिढ़ जाता है तो आप इसे और अधिक जोर से कहें. यह तुष्टिकरण के खिलाफ विरोध हो सकता है. हम कुछ नारे लगाकर यह बताना चाह रहे हैं कि हम वर्तमान डिस्पेंस को पसंद नहीं करते और यही जय श्री राम के नारे का अर्थ है.
पूर्व सांसद इतिहासकार डॉ. सुगात बोस ने कहा कि देश की जनता को समान नागरिकता और समान अधिकार देना ही नेताजी को सम्मानित करने का सही तरीका है.
पूर्व सांसद इतिहासकार और सुभाष चंद्र बोस के भाई सुगात बोस के पोते डॉ. सुगात बोस ने अमित शाह की पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान नेताजी भवन के बाहर और कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल के अंदर 'जय श्री राम' के नारों को अनुचित बताया. उन्होंने कहा कि नेताजी भवन के बाहर और विक्टोरिया मेमोरियल के बाहर जय श्री राम के नारे लगाना अनुचित था.
भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने कहा, 'नेताजी को याद रखने के लिए केंद्र ने जो कुछ भी किया है, वह अतीत के कुछ असंतुलन को सुधारने करने के लिए है. यह राजनीति से परे है. यह नेताजी को याद रखने के लिए ही है.'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डॉ. सांतनु सेन ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी का राज्यसभा से इस्तीफा देना पार्टी के लिए कोई बड़ी और शर्मिंदगी की बात नहीं है. हालांकि, इसी वक्त जब BJP नेता और सांसद स्वपन दासगुप्ता से पूछा गया कि क्या दिनेश त्रिवेदी का भारतीय जनता पार्टी में स्वागत होगा, तो उन्होंने कहा, 'जो कोई भी अच्छी लड़ाई लड़ेगा, उसका भाजपा में स्वागत किया जाएगा.'
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद दिनेश त्रिवेदी ने शुक्रवार को राज्यसभा में इस्तीफे की घोषणा की. इस पर सांसद डॉ. सांतनु सेन इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 में बोलते हुए कहा कि दिनेश त्रिवेदी का राज्यसभा से इस्तीफा देने के पीछे कुछ व्यक्तिगत एजेंडा हो सकता है. उन्होंने कहा, 'उनका कुछ व्यक्तिगत एजेंडा हो सकता है. हमारी नेता, ममता बनर्जी हमेशा अंतिम क्षण तक अवसर देती हैं. वह किसी को बाहर नहीं फेंकती हैं. भले ही वह लोकसभा में हार गए थे इसके बाद भी उन्हें राज्यसभा सीट से सम्मानित किया.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के 5वें सत्र 'प्रतीक का विनियोग: नेताजी किसके? किसके टैगोर?' में सांसद स्वप्न दासगुप्ता, पूर्व सांसद इतिहासकार डॉ. सुगात बोस और सांसद डॉ. सांतनु सेन शामिल हुए.
लक्ष्मी टी के प्रबंध निदेशक रुद्र चटर्जी ने कॉन्क्लेव में बात करते हुए कहा कि हमें पश्चिम बंगाल के लाभ के लिए अन्य स्रोतों का पता लगाना होगा. बंगाल में उपभोक्ताओं का एक बड़ा आधार है. यहां बेहतर लेबर भी मौजूद है जो बांग्लादेश की तरह सिर्फ मैन्यूफैक्चरिंग में ही नहीं लगा बल्कि वो कपड़ा ब्रांड बनाना जानता है और वो इंटरनेट-आधारित ब्रांड भी हैं. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि सरकार क्या करती है बल्कि प्रशिक्षण और डिजाइन के संस्थानों का निर्माण करने की जरूरत है और रचनात्मक होने में पश्चिम बंगाल की क्षमता का उपयोग करने की जरूरत है.
बंगाल का औद्योगिक एजेंडा क्या होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में अम्बुजा नियोतिया ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन नियोतिया ने कहा कि बंगाल में एक बड़ा बंदरगाह नहीं है. मौजूदा बंदरगाहों की अपनी अपनी सीमाएं हैं. तेजी से होने वाली चीजों में एक गहरे सीपोर्ट का बनना भी शामिल हो. दूसरा, मेट्रो रेलवे एक गेमचेंजर हो सकता है. इसकी मदद से कोलकाता वास्तव में पूरब का एक प्रवेश द्वार बन सकता है. तीसरा, हमें इस धारणा को बदलने की जरूरत है कि शेष भारत बंगाल के बारे में कैसा सोचता है. लोग इस बात से सहमत होंगे कि बंगाल को लेकर बाहर लोगों में सोच है यहां उससे बेहतर है.
श्री इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन हेमंत कनोरिया ने कहा कि बंगाल में इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग पर काम करने की जरूरत है. कोलकाता पूर्व का प्रवेश द्वार है और यहां बेहतर करने की कैपेबिलिटी है. उम्मीद है कि आने वाली सरकार यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग पर काम करेगी. कंपनी को क्या चाहिए उन्हें जमीन और लेबर चाहिए. उन्हें प्लांट लगाने और उन्हें चलाने के लिए बेहतर रोड की जरूरत होती है. उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए बेहतर माहौल और रिसोर्स की जरूरत होती है. यहां इन कामों के लिए सभी एलिमेंट मौजूद हैं. बस जरूरत है तो उसे जमीन पर उतारने की.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के चौथे सत्र में अम्बुजा नियोतिया ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन नियोतिया, श्री इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन हेमंत कनोरिया, बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक चंद्र शेखर घोष और लक्ष्मी टी के प्रबंध निदेशक रुद्र चटर्जी शामिल हुए.
हमारे पास फेलुदा संग्रहालय क्यों नहीं है? कोई कमर्शियल मर्केंडाइज नहीं है? क्या यह एक समस्या है कि हम, बंगालियों को पता नहीं कैसे व्यवसायीकरण करना है? इन सवालों के जवाब में एक्टर सब्यसाची चक्रवर्ती ने कहा कि मैंने हमेशा कहा कि हमारे पास एक संग्रहालय होना चाहिए. सबसे बड़ी परेशानी की बात यह है कि हमारे पास सत्यजीत रे के लिए भी संग्रहालय नहीं है. हमें पहले सत्यजीत रे पर एक संग्रहालय बनाना चाहिए फिर बाद में हम फेलुदा के बारे में सोच सकते हैं. हां, हमारे पास उद्यम की कमी है. मुझे लगता है कि हमें इसके लिए आगे आना चाहिए.
एक्टर टोटा रॉय चौधरी, 'फालूदा स्वभाव से बंगाली है. मैंने अंग्रेजी में अनुवादित एक पुस्तक को पढ़ा और सार खो गया.' अभिनेता तोटा रॉय चौधरी ने 'फेलुदा फेरोट' वेब सीरीज में आईकोनिक कैरेक्टर का रोल प्ले किया था.
निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी ने कहा, 'जब हम सत्यजीत रे के बारे में लोगों से पूछते हैं, तो उनका ज्ञान बहुत धुंधला होता है. वे नहीं जानते कि उन्होंने भारत को कैसे सम्मान दिलाया. यह भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक पीड़ा के समान है कि जब तक आप हिंदी फिल्में नहीं करते, तब तक आपको इंडिय नेशनल फिल्म डायरेक्टर नहीं माना जाता.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के तीसरे सत्र 'सत्यजीत रे: एक पौराणिक कथा की पहेली' में फिल्म निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी, एक्टर सब्यसाची चक्रवर्ती, एक्टर टोटा रॉय चौधरी शामिल हुए.
पवन खेड़ा ने कहा कि राज्य का विकास ही एजेंडा होना चाहिए. लेकिन बीजेपी और टीएमसी ने 'दुर्गा बनाम राम' का डिस्कोर्स खड़ा कर दिया है. जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि कांग्रेस ने इतना ही विकास किया है तो जनता ने उन्हें नकार क्यों दिया. उन्होंने कहा कि पिछली बार हाफ हुई इस बार साफ हो जाएगी कांग्रेस.
माकपा नेता डॉ. फवाद हलीम ने कहा कि 'राम बनाम दुर्गा' का खेल बीजेपी और टीएमसी का फिक्स मैच की तरह है. दोनों में से कोई भी पार्टी मुद्दों पर बात करना ही नहीं चाहती.
टीएमसी सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि देश को इनकी चौकीदारी की जरूरत नहीं है. जब देश के जवान शहीद होते हैं तो ये उनकी शहादत पर राजनीति करते हैं. उन्होंने शर्म आनी चाहिए जब वो ये बात कहते हैं कि आंदोलन कर रहे किसान किराये पर लाए गए हैं.
पवन खेड़ा ने कहा, 'राम मंदिर पर 1949 से कांग्रेस कहती आई है कि कानून जो कहेगा और कोर्ट जो कहेगा वो मानेंगे. लेकिन बीजेपी ने पहले दंगा करवाया फिर कहा कि कोर्ट की बात मानेंगे. इन्होंने 1400 करोड़ का घपला क्यों करवाया. किसानों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने किसानों को श्रद्धांजली देने के लिए दो मिनट का मौन तक नहीं रखा.' जवाब में दिलीप घोष ने कहा, 'किसान नहीं हैं वहां तो कांग्रेस और टीएमसी के लोग नेतृत्व कर रहे हैं. आपने जीएसटी और सीएए समेत कई बिलों का विरोध किया था.'
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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत में अनेकों धर्म, संस्कृति के लोग वर्षों से एक साथ रहते आए हैं. लेकिन बीजेपी अब देवताओं को भी बांटने का काम कर रही है. बीजेपी का कोई एजेंडा नहीं है, उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. ऐसे में वो चुनाव जीत जाएं और देश हार जाए तो ये कैसी जीत है. जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि बांटने का काम किसने शुरू किया, सबसे पहले कांग्रेस ने दिया और अब उन्हीं के रास्ते पर टीएमसी चल रही है. जहां-जहां कांग्रेस का झंडा था आज वहां बीजेपी का झंडा लहरा रहा है. हमारे पीएम पानी, बिजली, शौचालय की बात करते हैं इसलिए पूरी दुनिया मोदी-मोदी कर रही है. इनका नाम कौन ले रहा है.
लोकसभा सदस्य और बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भगवान राजा थे, गांधी जी ने भी राम राज्य की कल्पना की थी. दुर्गा पता नहीं कहां से आ जाती हैं. वो तो राम की आराधना करती थीं. आप दुर्गा और राम की तुलना कैसे कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'भगवान राम राजा थे, मर्यादा पुर्षोत्तम थे. दुर्गा पता नहीं कहां से ले आते हैं.' टीएमसी सांसद डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने दिलीप घोष की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि ये खुद हिन्दुओं को बांटने का काम कर रहे हैं, दुर्गा और राम में तुलना करके.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में लोकसभा सदस्य और बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष, टीएमसी सांसद डॉ. काकोली घोष काकोली घोष दस्तीदार, माकपा नेता डॉ. फवाद हलीम और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा शरीक हुए.
नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर सरकार पर हमला करते हुए, डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'आपका CAA कहां है? आप वास्तविक मुद्दों पर बात करना चाहते हैं. जब कोई बिल पास होता है, तो राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर करते हैं, 6 महीने के भीतर आप नियम तय कर देते हैं. आपने CAA के साथ क्या किया है?'
आगे उन्होंने कहा, 'मुझे पता है कि ममता बनर्जी ने क्या कहा और अमित शाह ने क्या कहा. बंगाल में 400 सीटें नहीं हैं. हम यहां एक महिला को एक सफेद साड़ी और चप्पल में देखेंगे.'
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि ममत बर्नजी को आप जिस तरह से देखते हैं उसी तरह पाते हैं. उनकी विचारधारा को समझने के लिए गहराई से देखना होगा.
महुआ मोइत्रा के 'दो पैसे के पत्रकार' वाले कमेंट पर डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'उनका पत्रकारों से शानदार रिश्ता है. यहां तक कि ममता दी का भी पत्रकारों से बेहतरीन रिश्ता है. आम तौर पर भी उनका लोगों के साथ शानदार रिश्ता रहा है. मैंने उनके (ममता बनर्जी) के साथ यात्रा की है. कभी-कभी उनके उदाहरण का पालन करना मुश्किल हो जाता है.'
टीएमसी नेता डेरेक ने कहा, 'विभिन्न स्थितियों में, आपने मुझे देखा, मैं वहां था क्योंकि मैंने ममता बनर्जी की जर्सी पहनी हुई थी. 4 दिसंबर को हम किसानों के विरोध स्थल पर गए थे. ममता दीदी ने मुझसे कहा था कि इस बात को सुनिश्चित करना कि वहां कोई टीवी कैमरा न हो. सरकार संसद की पवित्रता को बनाए रखने में विफल रही, प्रवासी श्रमिकों की रक्षा, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, महिलाओं और बच्चों को कोरोनावायरस से सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही. क्या हमें पीएम से कोई जवाब मिला है.'
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में अपने भाषण पर पीएम नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश कई मुद्दों पर जवाब का इंतजार कर रहा है जो हमें प्रधानमंत्री से नहीं मिला. यह उनके विक्टिम कार्ड खेलने का क्लासिक उदाहरण है.
टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि संसद की पवित्रता को बनाए रखने, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, प्रवासियों की रक्षा करने में विफल रही है.
टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि मोदी सरकार बताए कि 6 साल में उन्होंने क्या किया और फिर हम बताएंगे कि ममता सरकार ने इस दौरान क्या किया.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट के दूसरे दिन की शुरुआत टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ हुई.
पावर पॉलिटिक्स विषय से आज के सत्र की शुरुआत टीएमसी के नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन से होगी. Battle for Bengal: Ram vs Durga विषय वाले दूसरे सत्र में राजनीतिक पार्टियों के सांसद होंगे जिसमें वो अपना पक्ष रखेंगे. इसी तरह कला संस्कृति को लेकर भी चर्चा होगी. इसमें कला संस्कृति की मौजूदा स्थिति से लेकर अतीत की झलक देखने को मिलेगी.
बहरहाल, इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट का यह सिलसिला 2017 में शुरू हुआ था और इस बार इसका चौथा आयोजन कोलकाता के आईटीसी रॉयल बंगाल होटल में हो रहा है. क्या कुछ होगा आज के कॉन्क्लेव में, कौनसी दिग्गज हस्तियां बंगाल पर बात करती दिखेंगी, इसकी एक झलक देख लेते हैं.
11.00 am—11.30 am: POWER POLITICS: Personality cult vs ideology: How to reach a balance?
वक्ता
• डेरेक ओ ब्रायन, टीएमसी, राज्यसभा सांसद
11.30 am—12.15 pm: FLASHPOINT: Battle for Bengal: Ram vs Durga
वक्ता
11.30 am—12.15 pm
• दिलीप घोष, लोकसभा सदस्य और बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष
• डॉ. काकोली घोष काकोली घोष दस्तीदार, सांसद
• डॉ. फवाद हलीम, माकपा नेता
• पवन खेड़ा, कांग्रेस प्रवक्ता
12.15 pm—12.35 pm: NOSTALGIC NOTES: Let’s do cha cha cha: India’s original rock star
Speaker
• उषा उथुप, सिंगर
12.35 pm—1.05 pm: REEL RECALL: Satyajit Ray: The enigma of a legend
Speakers
• श्रीजीत मुखर्जी, फिल्म निर्देशक
• सब्यसाची चक्रवर्ती, एक्टर
• टोटा रॉय चौधरी, एक्टर
1.05 pm—1.35 pm: BUSINESS BOARD: Act East: How to balance policy and pragmatism
Speakers
• हर्षवर्धन नियोतिया, चेयरमैन, अम्बुजा नियोतिया ग्रुप
• हेमंत कनोरिया, चेयरमैन, श्री इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड
• चंद्र शेखर घोष, प्रबंध निदेशक, बंधन बैंक
• रुद्र चटर्जी, प्रबंध निदेशक, लक्ष्मी टी
1.35 pm—2.20 pm: LUNCH
2.20 pm—2.50 pm: POLL POSITION: Appropriation of Icons: Whose Netaji? Whose Tagore?
वक्ता
• स्वप्न दासगुप्ता, सांसद
• डॉ. सुगात बोस, इतिहासकार, पूर्व सांसद
• डॉ. सांतनु सेन, सांसद
2.50 pm—3.20 pm: POLITICS REDEFINED: People's politicians: Touching the right chord
वक्ता
• बाबुल सुप्रियो, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री
3.20 pm—4.00 pm: POWER POLITICS: Left with lost landscape: The imperfect future
वक्ता
• सीताराम येचुरी, माकपा महासचिव
4.00 pm–4.30 pm: ICONIC INTERACTION: Being Prasenjit: The master of reinvention
वक्ता
• प्रोसेनजीत चटर्जी, एक्टर
4.30 pm–5.00 pm: NEIGHBOURHOOD NAVIGATION: 50 years of Bangladesh: The future ahead
वक्ता
• लेफ्टिनेंट कर्नल सज्जाद जाहिर, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दिग्गज, सैन्य इतिहासकार
• कर्नल अशोक कुमार तारा, 1971 के वरिष्ठ योद्धा
• जनरल शंकर रॉय चौधरी, पूर्व चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, भारतीय सेना
5.00 pm–5.30 pm: FUNDAMENTAL FACTS: Campaign Cacophony: The Art of Secular Appeasement
वक्ता
• कैलाश विजयवर्गीय, बीजेपी के बंगाल प्रभारी
5.30 pm–5.50 pm: ENTERPRISE EXAMPLE: Towards an Aatmanirbhar East India
वक्ता
• संजीव गोयनका, चेयरमैन, आरपी-संजीव गोयनका ग्रुप
5.50 pm–6.30 pm: POLL POSITION: Politics of Exclusion: CAA vs Assam
वक्ता
• डॉ. हिमंत बिश्व सर्मा, वित्त, असम के स्वास्थ्य, शिक्षा और पीडब्ल्यूडी मंत्री