डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर विवाद के बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. India Today Conclave East 2022 के दूसरे दिन महुआ मोइत्रा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर पर कहा, ''काली के कई रूप हैं. मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है. लोगों की अलग अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है.''
महुआ मोइत्रा ने कहा, आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं. अगर आप भूटान और सिक्किम जाओ तो वहां सुबह पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है, लेकिन यही आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है. मेरे लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में है. देवी काली के कई रूप हैं.
'मुझे मेरी काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी'
उन्होंने कहा, अगर आप तारापीठ जाएं तो काली के मंदिर के पास साधू आपको स्मोकिंग करते हुए मिलेंगे. और लोग ऐसी काली की पूजा भी करते हैं. हिंदू होते हुए भी मुझे मेरी काली को मेरे हिसाब से देखने की आजादी है और लोगों को भी होनी चाहिए. आपको अपने भगवान को अपने हिसाब से पूजने की आजादी होनी चाहिए. पूजा का अधिकार पर्सनल स्पेस में रहना चाहिए. जब तक मैं आपके क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर रही हूं. मुझे नहीं लगता कि इसकी आजादी होनी चाहिए. मुझे काली के इस रूप से कोई परेशानी नहीं है.
'काली के पोस्टर पर विवाद जारी'
दरअसल, डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसमें मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया था. इसके साथ ही उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का सतरंगा झंडा भी नजर आ रहा है. ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई की है.
मां काली के रूप का ऐसा पोस्टर सामने आने के बाद लोगों ने इसका जमकर विरोध किया और पोस्टर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. कई लोगों ने फिल्ममेकर लीना मणिमेकलई को अरेस्ट करने की मांग भी की. ये पूरा मामला अब पुलिस तक पहुंच गया है. दिल्ली में, यूपी में और मुंबई में इस फिल्म के पोस्टर को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताकर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
जुबैर की गिरफ्तारी पर क्या बोलीं टीएमसी सांसद
वहीं, फैक्ट चेकर जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर महुआ मोइत्रा ने कहा, जुबैर फैक्ट चेकर हैं. उन्होंने पूछा जुबैर ने हिंसा भड़काने वाली नूपुर शर्मा की तुलना में उन्होंने क्या किया है?
सवाल- नुपूर शर्मा और जुबैर हो लेकर आपका डबल स्टैंडर्ड क्यों है?
इस पर महुआ मोइत्रा ने कहा, मेरे कोई डबल स्टैंडर्ड नहीं है. बल्कि मीडिया इन दोनों मामलों में अंतर नहीं कर पा रही है. मोहम्मद जुबैर कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है वो एक फैक्ट चेकर है और ऑल्ट न्यूज चलाता है. इस फेक न्यूज के दौर में सही खबर के लिए उसे कई अवार्ड मिले हैं. जुबैर ने क्या किया, उसने ऋषिकेश मुखर्जी की एक फिल्म का एक फोटो लिया जो फिल्म किसी से ना कहना 1983 में आई. उसने ये ट्वीट 2018 में किया था और क्या इस पोस्ट पर कोई हिंसा हुआ या दंगा हुआ. नहीं. लेकिन नुपूर शर्मा के बयान से क्या हुआ? लोगों की मौत हुई.
27 जून को गिरफ्तार हुए जुबैर
दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फैक्ट चैकर मोहम्मद जुबैर को पिछले महीने 27 जून को गिरफ्तार किया था. मोहम्मद जुबैर पर सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है. हाल ही में दिल्ली पुलिस ने विदेशी चंदा लेने, साजिश रचने और सबूत मिटाने जैसे आरोपों में भी नई धाराएं जोड़ी हैं.