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India Today Conclave East-बंगाल का शासन संविधान से परे, इमरजेंसी की हालत है: धनखड़ 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य का शासन संविधान और कानून के शासन से परे जा रहा है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 को संबोध‍ित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में इतना डर है कि कोई डर के मारे इस डर की भी चर्चा नहीं करता. 

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप जगदीप धनखड़ (फोटो: India Today)
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप जगदीप धनखड़ (फोटो: India Today)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट की शुरुआत
  • पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से बातचीत
  • राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गंभीर सवाल उठाए

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य का शासन संविधान और कानून के शासन से परे जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में इतना डर है कि कोई डर के मारे इस डर की भी चर्चा नहीं करता. उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी की हालत है. 

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 को संबोध‍ित करते हुए धनखड़ ने यह बात कही. ' पॉइंट ऑफ व्यू:  गुबर्नटोरियल गाइडलाइन: कीपिंग अ बैलेंस बिटवीन पॉलिटिक्स ऐंड पोजीशन' सत्र में इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि कभी नंबर एक राज्य रहा बंगाल आज  रोजगार, उद्योग सबमें पिछड़ गया है. 

रोजगार, उद्योग सबमें पिछड़ गया

उन्होंने कहा कि बंगाल इस देश का काफी महत्वपूर्ण राज्य है. यह संस्कृति का केंद्र है, कभी इंडस्ट्री में भी नंबर वन है, लेकिन आज रोजगार, उद्योग सबमें पिछड़ गया है. एक राज्यपाल के रूप में हमने सरकार से यह जानकारी मांगी कि जो निवेश का आंकड़ा दिया जा रहा है, वह कहां हो रहा है. लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं मिली. 

शासन संविधान और कानून से बाहर

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कोलकाता शहर में जिन फ्लाइओवर के बनने का पहले ऐलान किया गया था, फिर उसी का ऐलान किया जा रहा है. इस महीने ताजपुर पोर्ट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंस्ट्रेट मंगाया गया, किसी ने बताया कि दो साल पहले भी इसी के लिए एक्सप्रेसशन ऑफ मंगाया गया था.   

राज्य में शासन संविधान और कानून के शासन के बाहर जा रहा है. यह गवर्नर से बेहतर कोई नहीं जानता. उन्होंने कहा कि राज्य में इमरजेंसी की हालत है. मीडिया,ब्यूरोक्रेसी सभी डरे हुए हैं. 

उन्होंने कहा कि राज्य में किसान को सम्मान निध‍ि देने से रोका जा रहा है. राज्य सरकार डेटा शेयर नहीं कर रही है. राज्य में किसानों को 10 हजार करोड़ रुपया नहीं मिल पाया है. राज्य में अन्नदाता के पेट पर लात क्यों मारी जा रही है? 

गवर्नर की जरूरत क्यों 

क्या गवर्नर की जरूरत किसी राज्य में है, गवर्नर क्यों होना चाहिए? इस सवाल पर धनखड़ ने कहा कि गवर्नर किसी राज्य में संविधान के शासन की रक्षा करता है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी संविधान की लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन नहीं किया. मैंने भारतीय संविधान के एक-एक शब्द का पालन किया है. 
जो संविधान डॉ. अम्बेडकर ने दिया है उसके मुताबिक यह काफी महत्वपूर्ण पद है. यह भारतीय संविधान की भावना की रक्षा करता है. हमारा काम ब्यूरोक्रेसी के राजनीतिकरण को रोकना है. राज्यपाल जगदीप ने कहा, 'लोग मुझे एजेंट कहते हैं, हां मैं संविधान का एजेंट हूं और उसकी स्क्रिप्ट पर चलता हूं. मैंने कभी संविधान की लक्ष्मण रेखा पार नहीं की.'

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के महामंच पर ऐन चुनाव से पहले बंगाल की कला संस्कृति और विरासत से लेकर आर्थिक तरक्की तक पर गहरी चर्चा होगी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट का ये सिलसिला 2017 में शुरू हुआ था और इस बार इसका चौथा आयोजन 11 और 12 फरवरी को हो रहा है.

कोलकाता के आईटीसी रॉयल बंगाल में सजने वाले इस मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई बड़ी हस्तियां नजर आएंगी. विचार-मंथन के दृष्टिकोण से देश के सबसे बड़े मंच पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, असम के कैबिनेट मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित कई शीर्ष राजनेताओं के साथ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी. बंगाल और असम में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ये चर्चा बेहद अहम मानी जा रही है.  

बीजेपी पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, टीएमसी सांसद नुसरत जहां, बीजेपी सांसद स्वपन दासगुप्ता, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता और लोकसभा सांसद प्रद्युत बोरदोलोई, CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी, CPI (M) नेता मोहम्मद सलीम, कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग, भाजपा सांसद तापिर गाओ अपनी बात रखेंगे. 

 

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