India Today Conclave 2024: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने CAA से जुड़े सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण सीएए लागू करने के विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में सीएए लागू करने का वादा किया था और पार्टी ने उसे पूरा किया है.
अमित शाह ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 में शुक्रवार को कहा कि यह कानून 2019 में संसद से पारित हो गया था. इसे अभी बस लागू किया गया है. अमित शाह ने कहा कि पार्लियामेंट में पारित कानून पत्थर की लकीर है. शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो बात घोषणा पत्र कही थी, उसे सरकार में आते ही संसद से पास कराया. इसमें किसी तरह की कंफ्यूजन का कोई सवाल ही नहीं है. साथ ही सीएए को लागू करने की टाइमिंग पर भी किसी तरह का सवाल ही नहीं पैदा होता है.
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अमित शाह ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सीएए में धर्म के आधार पर भेदभाव होने के विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया. अमित शाह ने कहा कि अगर CAA धर्म के आधार पर भेदभाव करता है तो फिर मुस्लिम पर्सनल लॉ क्या है? अमित शाह ने आगे कहा कि ओवैसी से पूछा जाना चाहिए कि अगर धर्म के आधार पर कानून नहीं होना चाहिए तो फिर वो मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन कैसे करते हैं?
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सीएए में सिर्फ पांच ही धर्मों को शामिल करने के विषय को भी अमित शाह ने विस्तार से समझाया. अमित शाह ने कहा कि इस देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था. लेकिन देश का बंटवारा हुआ और वह धर्म की आधार पर हुआ. उस वक्त लोगों के साथ काफी अत्याचार हुआ. उस समय हमारे देश के नेताओं ने लोगों से अपील की कि आप जहां हैं वहां रह जाइए. अगर आपको बाद में भारत आना है तो आपका स्वागत है. हम आपको नागरिकता देंगे. यह बात कहने का उद्देश्य यह था कि उस समय लोगों की जान बचाई जा सके.
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अमित शाह ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में आजादी के बाद तकरीबन 23% हिंदू रहते थे. आज वहां हिंदू बचकर सिर्फ 2.7% रह गए हैं. शाह ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान का भी जिक्र किया. गृह मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में भी हिंदुओं की संख्या 23% से घटकर 10% रह गई है वहीं अफगानिस्तान में कभी 2 लाख से ज्यादा सिख और हिंदू हुआ करते थे. आज इनकी संख्या महज 378 रह गई है.
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अमित शाह ने सवाल उठाया कि ये सारे कहां गए? उन्होंने कहा कि लोग अपनी इज्जत, अपना धर्म, और अपने महिलाओं का सम्मान बचाने भारत में आए हैं और विपक्ष कह रहा है कि हम उन्हें नागरिकता ना दें. अमित शाह ने कहा कि भारत की नागरिकता मिलना इन लोगों का अधिकार है, और उन्हें यह मिलना चाहिए. गृह मंत्री ने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक स्टेट हैं और यहां मुसलमानों को भला क्या खतरा हो सकता है. इसलिए सीएए के प्रारूप को ऐसा रखा गया है.