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चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या किया? फर्स्ट टाइम MPs ने दिए 'नेतागीरी' के टिप्स

इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव फर्स्ट टाइम सांसदों को भी मौका दिया गया और इस दौरान उन्होंने अपने-अपने एक्सपीरियंस साझा किए और बताए की राजनीति को कैसा होना चाहिए. कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया, लोक जनशक्ति पार्टी की सांसद शांभवी चौधरी, कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल, कांग्रेस सांसद संजना जाटव और बीजेपी सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार शामिल हुए.

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तनुज पूनिया, शांभवी चौधरी, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार, संजना जाटव, शशिकांत सेंथिल
तनुज पूनिया, शांभवी चौधरी, यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार, संजना जाटव, शशिकांत सेंथिल

मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में खासतौर पर फर्स्ट टाइम एमपी के साथ भी बातचीत की गई. उनके साथ बातचीत में यह जानने की कोशिश थी कि आखिर वे एक युवा सांसद के तौर पर राजनीति में किस तरह के बदलाव चाहेंगे और उनका काम देश की सामाजिक-राजनीतिक परिदृष्य को किस तरह से प्रभावित करेंगे.

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कांग्रेस सांसद संजना जाटव

कांग्रेस सांसद संजना जाटव ने कहा कि वह एक साधारण परिवार से आती हैं और राजनीति उनके लिए काफी नया अनुभव है. संजना जाटव तब चर्चा में आ गई थीं, जब जीत के बाद वह पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ ठुमके लगाई थीं. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने संसद में पहली कदम रखा तो उनके लिए सभी कुछ नया था.

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संजना जाटव ने कहा, "मैं गांव में रहने वाली एक महिला हूं. मैंने राजनीति में जो भी की सभी नए थे. मैंने जिला पार्षद, विधायक और सांसद सभी का चुनाव लड़ा और संसद में जाने का मौका मिला."

लोक जनशक्ति पार्टी की सांसद शांभवी चौधरी

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लोकजनशक्ति पार्टी की सांसद शांभवी चौधरी एक राजनीतिक परिवार से आती हैं. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बड़ी बात थी कि वह एक राजनीतिक परिवार से आती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि सभी देश के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हां वह एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां उनके लिए सभी कुछ अन्य के मुकाबले हासिल करना आसान था.

शांभवी ने बताया कि लेकिन चुनाव जीतने के लिए उन्हें भी मेहनत करना पड़ा. उन्होंने कहा कि अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले उन्होंने भी उतना ही मेहनत किया है, यहां तक महिला होने के नाते उन्हें और भी ज्यादा मेहनत करना पड़ा. शांभवी ने बताया कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि एक राजनीतिक परिवार से आने से उनके लिए सब आसान था. ये मतदाताओं पर निर्भर करता है कि वे हमें चुनेंगे या नहीं.

बीजेपी सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार

बीजेपी सांसद मैसूर के एक महाराजा परिवार से आते हैं. वह पहली बार बीजेपी के सांसद बने हैं. उनका कहना है कि राजधर्म हो या डेमोक्रेटिक धर्म हो नेताओं को लोगों के लिए ही काम करना होता है. आज जिसको भी राजनीति में आना है, उन्हें उन लोगों का ध्यान रखना होगा, जो उन्हें चुनेंगे.

कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल

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कांग्रेस सांसद शशिकांत सेंथिल एक पूर्व आईएएस हैं और सीएएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था. उनपर आरोप लगे थे कि वह एक पॉलिटिकली-मोटिवेटेड ऑफिसर थे, जो मौके की तलाश में थे और मौका मिलते ही राजनीति में एंट्री कर ली.

मसलन, यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बारे में यह बातें सही है? कांग्रेस सांसद ने अपने जवाब में कहा कि आज सभी पॉलिटिकल हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है कि राजनीति शब्द को इस तरह से बना दिया गया है. हम सभी पॉलिटिकल हैं. उन्होंने कहा कि हमें नए लोगों को राजनीति में लाना होगा. उन्होंने कहा कि जन्म से ही हर कोई राजनीतिक होता है. एक पत्रकार भी पॉलिटिकल होता है, लेकिन हम इलेक्टोरल पॉलिटिक्स की बात कर रहे हैं, जिसमें नए लोगों का पार्टिसिपेशन बढ़ाने की जरूरत है.

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कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया

पीएल पुनिया के बेटे और लोकसभा सांसद तनुज पुनिया को लेकर विपक्षी पार्टियां कह रही थी कि उन्होंने धोखे से चुनाव जीता है. उन्होंने कहा कि हार जाने के बाद ऐसे ही बोला जाता है, लेकिन उन्होंने बताया कि वह पांच बार चुनाव लड़े हैं और अब जीत मिली है. उन्होंने बताया कि हमने सभी के घर-घर जाकर वोट मांगे हैं और सात साल से हॉलिडे नहीं लिया. उन्होंने बताया कि मेहनत बहुत किया है. उन्होंने बताया कि सात-आठ साल जगह बनाने में लग गए और तब संसद पहुंचने का मौका मिला.

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