
इंडिया टुडे कॉनक्लेव साउथ में 13 मार्च को भारत और पड़ोसी देशों से निकलने वाली नदियों और उनकी वजह से बनते-बिगड़ते द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा हुई है. कॉनक्लेव में हुए सेशन 'नेबरहुड नेविगेशन, द कॉमन वॉटर, ओल्ड टाइस, न्यू स्ट्रैटेजीस' में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, राम माधव और श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्दने शामिल हुए.
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मैं पिछली बार 2019 में चेन्नई आया था. अब दो साल बाद आया हूं. लेकिन इतने समय में लगता है पूरी जिंदगी बीत गई. क्योंकि कोरोना ने लोगों को रोक दिया था. कोरोना काल में मालदीव् की राजधानी माले की हालत खराब थी. पर्यटन बंद हो गया. आय बंद हो गई. अब हमारी आबादी के 35 फीसदी हिस्से को कोविड वैक्सीन लग चुकी है. हम अब भी वैक्सीनेशन का प्रोसेस चला रहे हैं. हम ऑपरेशन संजीवनी और भारत की ओर से मिले सभी मदद के लिए शुक्रगुजार है. भारत ने हमें दवा, वैक्सीन, आर्थिक मदद और अन्य तरह की मदद की है. SBI ने हमारे बॉन्ड्स में मदद की ताकि मालदीव आर्थिक रूप से मजबूत रह सके. भारत ने हमें 200,000 डॉलर्स की वैक्सीन दी. इसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं.
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि भारत के साथ मैरीटाइम पार्टनरशिप की वजह से हमें काफी मदद मिली है. हमारी सुरक्षा भी होती है. भारत के साथ संबंधों से हमें एक पॉजिटिविटी मिलती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 में दूसरी बार पीएम बनने के बाद हमारे देश में आए थे. उन्होंने हर तरह से मालदीव की मदद करने का आश्वासन दिया था और वो हर तरह से मदद कर रहे हैं. इंडियन ओशन नेवल सिंपोसियम के जरिए मालदीव की मैरीटाइम सिक्योरिटी बढ़ी है. इस समूह में श्रीलंका भी शामिल था. भारत हमेशा से मालदीव के लिए प्रेरणा रहा है. हमारा रिश्ता बेहद मजबूत है. हमारा इतिहास और वैल्यू एक जैसा है. दोनों देशों की लीडरशिप बेहद मजबूत है. मालदीव हिंद महासागर का दिल है. यहां से हर दिन हजारों जहाज, ऑयल टैंकर्स आदि निकलते हैं. इसलिए मालदीव की सुरक्षा बेहद जरूरी है. जिसमें भारत पूरी तरह से मदद कर रहा है.
राम माधव बोले- हिंद महासागर में सभी देशों की आवाज सुनाई देनी चाहिए
हिंद महासागर में भी काफी कुछ हो रहा है. अभी क्वाड मीटिंग हुई है. इसपर इंडिया फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य राम माधव ने कहा कि जब भी श्रीलंका और मालदीव की बात होती है तो वो बेहद खूबसूरत देश नजर आते हैं. ये आकार में छोटे हैं लेकिन इनकी आवाज बेहद मजबूत है. प्रधानमंत्री मोदी ने इनकी आवाज को एक प्लेटफॉर्म दिया. यही काम आपने किया इस सेशन में बुलाकर. हिंद महासागर में मौजूद सभी देशों की आवाज सुनाई पड़नी चाहिए.
श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कहा- कोरोना काल में भारत ने की बड़ी मदद
श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्दने ने कहा कि मेरा देश भारत का सबसे नजदीकी पड़ोसी है. हमारी संस्कृति और इतिहास भी बेहद पुराना है. हम जब भी पीम मोदी से हमारे संबंधों के बारे में बात करते हैं वो उसे अत्यधिक वरीयता से सुनते हैं. उस पर काम करते हैं. मैरीटाइम सुरक्षा और संबंधों को लेकर हमारे बीच काफी अच्छे संबंध हैं. हम अक्सर हमारे संबंधों को मजबूत करने और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सेमिनार और बैठक करते रहते हैं. ताकि हमारे बीच आर्थिक मजबूती भी रहे. एशिया में भारत एक मजबूत किरदार निभा रहा है. हमारा देश भी यही चाहता है कि हिंद महासागर में सुरक्षा बनी रहे. ताकि दोनों देशों के समेत आसपास के इलाकों में सुरक्षा बनी रहे. कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे स्टूडेंट्स की मदद की. उन्हें घर पहुंचाया. हमारे लोगों को वापस भेजा. उनका ख्याल रखा. हमारे बीच एक बेहद मजबूत रिश्ता है.
हिंद महासागर में परमाणु पनडुब्बियां तैनात, इसलिए भारत का किरदार महत्वपूर्णः राम माधव
कोरोना में भारत का किरदार बेहद अच्छा था. पूरी दुनिया ने खूब तारीफ की. हिंद महासागर को लेकर भारत और चीन के बीच संबंधों को अक्सर खराब दिखाया जाता है. इस पर राम माधव ने कहा कि इंडो-पैसिफिक रीजन एक ग्लोबल पावर एक्सिस के तौर पर उभरा है. चीन, जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश हिंद महासागर पर निर्भर करते हैं. भारत का 70 फीसदी आयात इसी रूट पर निर्भर करता है. ये सबसे हैपेनिंग रीजन है. यहां पर पावर की लड़ाई है. यहां एक तरह का कोल्ड वॉर चल रहा है. यह रीजन काफी चर्चा में रहता है. इसमें कई परमाणु पनडुब्बियां तैनात रहती हैं. इसलिए इस रीजन को काफी शांतपूर्ण रखने के लिए सभी देशों को एकसाथ आना होगा. यहां पर यूरोपियन देशों के भी स्टेक है. उनके आइलैंड्स हैं. उनका निवेश है, इसलिए इस इलाके को लेकर वैश्विक स्तर पर ही सोचना पड़ेगा. इंडियन ओशन कंट्रीज के लीडर्स एक साथ सामने आए और उन्होंने बात की. अब इस इलाके में शांतिपूर्ण पार्लियामेंट होना चाहिए. इंडियन ओशन पार्लियामेंट होना चाहिए जैसा यूरोपियन संसद है. जहां तक कोरोना काल की बात है तो भारत ने सभी की मदद की है. लेकिन अपने पड़ोसियों की मदद सबसे पहले करने के लिए तैयार रहता है.
बड़े देशों के बीच हो रहे 'कोल्ड वॉर' में फंसा है मालदीव्स, लेकिन ताकतवरः अबदुल्ला
इस मामले पर अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मालदीव को लोग एक छोटा द्वीप समझते हैं. इसका अलग चेहरा ये है कि हमारे पास बेहद रणनीतिक जियोग्राफिकल सीमाएं हैं. हम ऐसी जगह हैं जहां से दुनिया का समुद्री व्यापार होता है. जिस कोल्ड वार की बात हो रही है. वहां हम समुद्र में फंसे हुए हैं. हम द्वीप है. दो बड़े देशों या ज्यादा देशों के कोल्ड वॉर के बीच में फंसे हैं. जिसे वॉर को आगे बढ़ाना है वो कहीं और जाएं. मालदीव खुद को कभी छोटा देश नहीं समझता. हमारी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. हम चाहते हैं कि हिंद महासागर सबके लिए हो. यहां सब विकसित हो.
श्रीलंका को दबाने की कई कोशिशें हुईं लेकिन हमने नाकाम कर दींः गुनावर्दने
दिनेश गुनावर्दने ने कहा कि भौगोलिक तौर पर हम ऐसी जगह हैं जहां कई तरह की चुनौतियां आती है. जब पश्चिमी ताकत हिंद महासागर पर कब्जा करना चाहते थे. पुर्तगाल जैसे कई देशों ने ये कोशिश की. ब्रिटिश आए, उन्हें भी जाना पड़ा. भारत और श्रीलंका का संबंध बेहद मजबूत है. श्रीलंका हिंद महासागर में काफी व्यापार करता है. कई देशों को करने भी देता है. कई देशों को अपना रास्ता देता है. ताकि पूरे विश्व का व्यापार चलता रहे. जहां लोगों को सुरक्षा की जरूरत होती है, वहां पर हम सुरक्षा देते हैं. दोनों देशों के बीच पेट्रोलियम टैंकर लीक करने लगा तो भारत और श्रीलंका ने मिलकर उस मिशन को पूरा किया. हम आपस में सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं. मैरीटाइम सिक्योरिटी को लेकर बात करते रहते हैं. भारत सैटेलाइट्स के जरिए अपने पड़ोसियों की मदद कर रहा है. श्रीलंका एक न्यूट्रल नॉन एलाइन देश है. जो सभी देशों के लिए काम करता है.
हिंद महासागर में आने वाले देशों को नए समझौते करने होंगेः राम माधव
क्या उम्मीद है भारत की इन देशों से हिंद महासागर में. इस पर राम माधव ने कहा कि हमें उनकी उम्मीदों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. बड़े देश जब छोटे देशों को ऑप्शन देंगे तो उन्हें न्यूट्रिलटी और प्रोटेक्टिव जैसे शब्द बोलने का मौका मिलता है. हिंद महासागर में कई परमाणु पनडुब्बियां तैनात है. इस इलाके के देशों के बीच एक समझौता है. लेकिन अगर एक भी टॉरपीडो या मिसाइल छोड़ दी गई तो क्या होगा. हमें नए समझौते करने होंगे, जिसे चीन जैसे देश नहीं मानते.
भारत-मालदीव एक पक्षी के दो पंखों की तरह हैः अब्दुल्ला
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि हम हिंद महासागर के दिल है. हमारे देश में एक भी परमाणु पनडुब्बी तैनात नहीं है. चाहे वह किसी भी देश की क्यों न हो. हम भारत के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. एक पक्षी दो पंखों के साथ उड़ता है. भारत और मालदीव ऐसे ही हैं. हम एक साथ काम करते हैं. ताकि उसी लक्ष्य तक पहुंच सके जहां हम दोनों जाना चाहते हैं. हम इसी बात पर आगे बढ़ेंगे.
श्रीलंका भारत का कल्याण मित्र हैः गुनावर्दने
दिनेश गुनावर्दने ने कहा कि हमारा भारत के साथ रिश्ता ऐतिहासिक है. हमारा रिश्ता सिक्योरिटी, पर्यावरण, आर्थिक विकास जैसे कई प्लेटफॉर्म्स पर है. हम इस रिश्ते को और मजबूत बना रहे हैं. हमें हिंद महासागर में अन्य देशों के साथ भी मजबूत संबंध बनाने होंगे. इसमें भारत के साथ-साथ श्रीलंका भी आगे आएगा. लेकिन हमें देखना होगा कि उन देशों की क्या उम्मीदें हैं. श्रीलंका इसी लिए न्यूट्रल नॉन एलाइन किरदार निभाता है. इसके बावजूद हमारा भारत के साथ अत्यधिक मजबूत संबंध है. हम नीतियों के मामले में कल्याणमित्र हैं. हम सुख और दुख में भारत के साथ हैं.