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कोरोना संकट की वजह से बड़े पैमाने पर लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है. कोरोना ने हर वर्ग के लोगों को आर्थिक तौर पर चोट पहुंचाई, किसी की आमदनी घट गई तो कोई बेरोजगार हो गया. इंडिया टुडे के लिए कार्वी इनसाइट्स के ओपिनियन पोल में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
'देश का मिजाज' जानने के लिए सर्वे में सवाल था कि कोरोना ने एक आम आदमी की अर्थव्यवस्था को किस तरह से प्रभावित किया? इस सवाल के जवाब में हर तीन में से दो लोगों ने कहा कि आय घट गई, यानी 66 फीसदी लोगों ने कहा कि कोरोना ने उनकी आमदनी पर चोट की. सर्वे के मुताबिक कोरोना की वजह से 19 फीसदी लोग नौकरी से हाथ धो बैठे. 12 फीसदी लोगों ने कहा कि कुछ नहीं बदला.
- सर्वे में 66 फीसदी किसानों ने कहा कि उनकी आमदनी घट गई. 17 फीसदी किसानों ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से जो खेती थी, वो भी खत्म हो गई. यानी बेरोजगार हो गए.
- अगर कामगारों की बात करें तो 69% यानी हर तीन में से दो ने कहा कि आय बिल्कुल घट गई. जबकि 21 फीसदी ने कहा कि इस कोरोना ने उन्हें बेरोजगार करके छोड़ दिया.
- सेल्फ इम्प्लाइड (स्व-रोजगार) से जुड़े 65 फीसदी लोगों ने कहा कि आमदनी घट गई. 20 फीसदी ने कहा कि जो रोजगार था, वो भी खत्म हो गया.
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- सर्वे के मुताबिक 66 फीसदी बिजनेसमैन की आय घट गई, जबकि 19 फीसदी का कारोबार ही बंद हो गया. इसके अलावा इंडिया टुडे के इस सर्वे में सामने आया कि 61 फीसदी नौकरी करने वालों की भी आय घटी है. जबकि 19 फीसदी लोग कोरोना से बेरोजगार होकर घर बैठ गए.
'मूड ऑफ द नेशन' ओपिनियन पोल के दौरान देशभर में कुल 12,232 लोगों से बातचीत की गई. जिसमें कुछ लोगों से फोन पर बात हुई तो कुछ लोगों से सीधे संपर्क कर (फेस-टू-फेस) सर्वे से जुड़े सवाल के जवाब लिए गए. यह सर्वे देश भर में 3 से 13 जनवरी 2021 के बीच हुआ था.